For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नवगीत : ये है नया नजरिया.

फटी भींट में चौखट ठोकी,

खोली नयी किवरिया.

चश्मा जूना फ्रेम नया है,

ये है नया नजरिया.

 

गंगा में स्नान सबेरे,

दान पूण्य कर देंगे.

रात क्लब में डिस्को धुन पर,

अधनंगे थिरकेंगे.

देशी पी अंग्रेजी बोलीं,

मैडम बनीं गुजरिया.

 

अपने नीड़ों से गायब हैं,

फड़की सोन चिरैया.

ताल विदेशी में नाचेंगी,

रजनी और रुकैया.

घूंघट गया ओढनी गायब,

उड़ती जाए चुनरिया.

 

चूल्हा चक्की कौन करे अब,

डिब्बे में भोजन है.

बहू कमाती नकद रोकडा.

पैसे का पूजन है.

गाँव हमारे गायब होते,

लन्दन बनी नगरिया.

**हरिवल्लभ शर्मा 

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 878

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by harivallabh sharma on December 25, 2014 at 12:19am

आदरणीय JAWAHAR LAL SINGH जी आपने रचना को मान्यता देकर उत्साहित किया आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार..सादर.

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on December 24, 2014 at 8:48pm

बहुत ही सुन्दर और प्रेरक रचना! आदरणीय harivallabh sharma जी!

Comment by harivallabh sharma on December 23, 2014 at 11:00pm

आदरणीय Hari Prakash Dubey जी आपका हार्दिक आभार रचना पर सार्थक स्नेह दिया...सादर 

Comment by harivallabh sharma on December 23, 2014 at 10:59pm

आदरणीय vijay nikore जी रचना को स्नेह देकर हौसला बढ़ाने का हार्दिक आभार...स्नेह बनाये रखें , सादर.

Comment by harivallabh sharma on December 23, 2014 at 10:56pm

आदरणीय Sushil Sarna जी आपकी हौसला अफजाई निश्चित ही रचना कर्म को बल देती रहेगी ..हार्दिक आभार ,कृपया स्नेह बनाये रखें...सादर 

Comment by harivallabh sharma on December 23, 2014 at 10:53pm

आदरणीय khursheed khairadi साहब अत्यंत हर्षित करते आपके शब्द अवश्य मार्गदर्शन कर रहे हैं...आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार...सादर.

Comment by harivallabh sharma on December 23, 2014 at 10:51pm

आदरणीय somesh kumar जी आपकी प्रात्साहित करती स्नेहिल टीप का हार्दिक स्वागत...कृपया स्नेह बनाये रखें, सादर.

Comment by harivallabh sharma on December 23, 2014 at 10:49pm

आदरणीय Saurabh Pandey जी आपने इतनी स्नेहिल मीमांसा कर रचना को सार्थक किया है..आपकी अनुसंशा पाकर कलम धन्य हुयी है...नवगीत में पदार्पण के प्राथमिक चरणों में आपका प्रोत्साहन अवश्य दिग्दर्शन करेगा ...हार्दिक आभार...सादर.

Comment by Hari Prakash Dubey on December 23, 2014 at 6:10pm

आदरणीय हरिवल्लभ शर्मा जी बहुत  ही शानदार रचना ...आंचलिक शब्दों  का खूबसूरत प्रयोग 

देशी पी अंग्रेजी बोलीं,

मैडम बनीं गुजरिया....बधाई आपको 

Comment by vijay nikore on December 23, 2014 at 4:02pm

एक बहुत ही सशक्त रचना के लिए हार्दिक बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
Wednesday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service