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सलीके से बयाँ करना हुनर बस शायरी का है....सुन्दर रचना ,बधाई नीरज मिश्रा जी !
मोहब्बत,इश्क ,प्यार ,लव कुछ भी कह लो
अहसास वही है ,लफ्ज़ बदले हैं बस
सुंदर अहसास में सराबोर हर अलफ़ाज़ दिल में उतर गया
हजारोँ लोगोँ से मिलकर लगा यूँ देख ली दुनिया ,
मगर कहता रहा दिल इंतजार अब भी किसी का है ।
बहुत खूब ........... अच्छे भाव ... हार्दिक बधाई
रचना अच्छी लगी। बधाई।
कहीँ खोया सा रहता हूँ जगा सोया सा रहता हूँ ,
असर ये हो न हो , बेशक , तेरी जादूगरी का है ।----क्या कहने वाह
ये दिल की सरफिरी बातेँ महज कुछ चंद लफ्जोँ मेँ ,
सलीके से बयाँ करना हुनर बस शायरी का है ।---कमाल का अशआर
बहुत सुन्दर ग़ज़ल ..तहे दिल से दाद कबूलिये नीरज जी
नीरज जी आप हमेशा अच्छा ही लिखते हैं i यह प्रस्तुति भी उतनी ही अच्छी है i
बहुत ही लाजवाब रचना है , बधाई। |
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