For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उलझे प्रश्नों में हँसता मन

क्यूँ
हाँ क्यूँ
मेरा मन
मेरा कहा नहीं मानता
क्यूँ मेरा तन
मेरे बस में नहीं
न जाने इस पंथ का अंत क्या हो
किस इच्छा के वशीभूत हो
मेरे पाँव
अनजान उजाले की ओर आकर्षित हो
निरंतर धुल धूसरित राह पे
बढ़ते ही जा रहे हैं
ये तन
उस मन के वशीभूत है
जो स्थूल रूप में है ही नहीं
न जाने मैं इस राह पे
क्या ढूढने निकला हूँ
क्या वो
जो मैं पीछे छोड़ आया
या वो
जो मेरे मन की
गहरी कंदराओं में
छुपा बैठा है
मन के
राग-विराग, सुख-दुःख
मिलन-विरह, जीवन-मरण के प्रश्न
आज भी उत्तर की प्रतीक्षा में
मानव की बेबसी का उपहास उड़ा रहे हैं
बेलगाम घोड़े सा ये मन
अपनी इच्छा रूपी
नागफ़ास की कुंडली में
तन को उस उजाले की ओर ले जा रहा है
जो स्वयं अन्धकार के वश में है
क्या इस मन और जीवन रूपी राह का अंत निर्वाण है
शायद हाँ
शायद न
तन हारा न हारा मन
लम्बी राहें थकता जीवन
जन्म-मरण और पुनर्जन्म
उलझे प्रश्नों में हँसता मन, उलझे प्रश्नों में हँसता मन ……

सुशील सरना

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 726

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on January 4, 2014 at 11:40am

Vandana jee rachna par aapkee snehil prashansa ka haardik aabhaar

Comment by vandana on January 4, 2014 at 7:29am

गहन भावों से भरी सुन्दर  रचना है आदरणीय सुशील सर 

Comment by Sushil Sarna on January 3, 2014 at 7:00pm

aa.Saurabh Pandey jee rachna par aapkee snehaasheesh ka haardik aabhaar...aapke dwara ingit truti ko bhavishy men avashy dhyaan men rakhoonga ....kyun shabd men mujhe force laga isleye uska pryog kiya....khair aapke is anmol sujhaav ka haardik aabhaar......nav varsh kee aapko haardik shubhkaamnaaye SIR jee


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 3, 2014 at 1:41pm

मनस के अवयवों के सापेक्ष-प्रभाव को साझा करती इस अभिव्यक्ति के लिए धन्यवाद, आदरणीय.  स्थूल और सूक्ष्म की परस्पर निर्भरता परा-ज्ञान का मूल है. बहुत बधाई स्वीकारें आदरणीय.

अलबत्ता, क्यूँ  जैसे शब्द रचना के स्तर को हल्का अवश्य कर रहे हैं, इसके प्रति अवश्य ध्यान रखा जाय.

सादर

Comment by Sushil Sarna on January 2, 2014 at 6:05pm

aa.Arun Sharma Anant jee rachna par aapkee snehil prashansa ka haardik aabhaar avm nav varsh kee haardik shubhkaamnaayen

Comment by Sushil Sarna on January 2, 2014 at 6:04pm

aa.Ramesh Kumar Chouhan jee rachna par aapke sneh ka haardik aabhaar avm aapko nav varsh kee haardik shubhkaamnaayen

Comment by Sushil Sarna on January 2, 2014 at 6:04pm

aa.Akhilesh Krishan Shrivastav jee rachna par aapkee snehankit prashansa ka haardik aabhaa aivm nav varsh kee haardik shubhkaamnaayen

Comment by Sushil Sarna on January 2, 2014 at 6:03pm

aadrneey Dr.Prachi Singh jee rachna par aapkee smeekshaatmak pratikriya aur prashansa se rachna ko aik naee oonchaaee milee hai....aapkee aatmeeyata se pripoorn snehankit shabdon ke liye haardik aabhaar....aapko nav varsh kee haardik shubhkaamnaayen

Comment by अरुन 'अनन्त' on January 2, 2014 at 11:14am

आदरणीय सुशील जी बहुत ही गहन भाव सुन्दर रचना बधाई स्वीकारें

Comment by रमेश कुमार चौहान on January 1, 2014 at 8:11pm

आदरणीय सुशील सरलजी, इस भाव युक्त प्रस्तुति के साथ साथ नववर्ष की बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छी कुंडलियाँ हुई हैं। हार्दिक बधाई।  दुर्वयस्न को दुर्व्यसन…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर रोला छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
12 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
22 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)

कहते गीता श्लोक में, स्वयं कृष्ण भगवान।मार्गशीर्ष हूँ मास मैं, सबसे उत्तम जान।1।ब्रह्मसरोवर तीर पर,…See More
22 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
22 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय दयारामजी"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
Monday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service