For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कहकशाँ में उठ रही लहरों की बातें क्या करें

कहकशाँ में उठ रही लहरों की बातें क्या करें

इस गुबारे-गर्द में सहरों की बातें क्या करें

 

हर कोई पहने मुखौटे फिर रहा है जब यहाँ

फिर बताओ हम भला चेहरों की बातें क्या करें

 

इस कदर मसरूफ हैं पाने को नाम औ शोहरतें

वक़्त इक पल का नहीं पहरों की बातें क्या करें

 

तुक मिलाने को समझ बैठा जो शाइर शाईरी

नासमझ से वजन औ बहरों की बातें क्या करें

 

नफरतें हैं वहशतें हैं दहशतें हैं राह में

हर घडी है गमजदा कहरों की बातें क्या करें

 

आँख का पानी हवा में उड़ गया है “दीप” तब

बैठ बंजर खेत में नहरों की बातें क्या करें

 

संदीप पटेल “दीप”

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 832

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 30, 2013 at 11:32am

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय अनुराग सैनी जी सादर

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 30, 2013 at 11:32am

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय शिज्जू जी सादर

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 30, 2013 at 11:32am

बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय राम भाई

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 30, 2013 at 11:31am

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय हेमंत जी सादर

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 30, 2013 at 11:31am

बहुत बहुत आभार आदरणीय गिरिराज भंडारी  जी सादर

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 30, 2013 at 11:30am

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सारथी जी सादर....स्नेह बनाये रखिये

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 30, 2013 at 11:30am

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय चंद्रशेखर जी सादर

Comment by vijay nikore on September 30, 2013 at 4:42am

लाजवाब गज़ल के लिए बधाई, आदरणीय संदीप जी।

 

सादर,

विजय निकोर

 

Comment by Meena Pathak on September 29, 2013 at 8:08am

इस कदर मसरूफ हैं पाने को नाम औ शोहरतें

वक़्त इक पल का नहीं पहरों की बातें क्या करें................बहुत खूब ... बहुत बहुत बधाई आप को 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 28, 2013 at 10:03am

हर कोई पहने मुखौटे फिर रहा है जब यहाँ

फिर बताओ हम भला चेहरों की बातें क्या करें......वाह! यह तो लाजवाब शेर है,

बेहद उम्दा गजल, तहे दिल से दाद कुबूल कीजिये आदरणीय संदीप जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुंदर गीत रचा है। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। सुंदर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ। सादर "
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"दोहो *** मित्र ढूँढता कौन  है, मौसम  के अनुरूप हर मौसम में चाहिए, इस जीवन को धूप।। *…"
6 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, सुंदर दोहे हैं किन्तु प्रदत्त विषय अनुकूल नहीं है. सादर "
15 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, सुन्दर गीत रचा है आपने. प्रदत्त विषय पर. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
15 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, मौसम के सुखद बदलाव के असर को भिन्न-भिन्न कोण…"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . धर्म
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
18 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"दोहा सप्तक. . . . . मित्र जग में सच्चे मित्र की, नहीं रही पहचान ।कदम -कदम विश्वास का ,होता है…"
21 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर,…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"गीत••••• आया मौसम दोस्ती का ! वसंत ने आह्वान किया तो प्रकृति ने श्रृंगार…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आया मौसम दोस्ती का होती है ज्यों दिवाली पर  श्री राम जी के आने की खुशी में  घरों की…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service