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सुनहरी भोर बागों में, बिछाती ओस की बूँदें!
नयन का नूर होती हैं, नवेली ओस की बूँदें!
चपल भँवरों की कलियों से, चुहल पर मुग्ध सी होतीं,
मिला सुर गुनगुनाती हैं, सलोनी ओस की बूँदें!
चितेरा कौन है? जो रात, में जाजम बिछा जाता,
न जाने रैन कब बुनती, अकेली ओस की बूँदें!
करिश्मा है खुदा का या, कि ऋतु रानी का ये जादू,
घुमाकर जो छड़ी कोई, गिराती ओस की बूँदें!
नवल सूरज की किरणों में, छिपी होती हैं ये शायद,
जो पुरवाई पवन लाती, सुधा सी ओस की बूँदें!
टहलने चल पड़ें साथी, निहारें रूप प्रातः का,
न जाने कब बिखर जाएँ, फरेबी ओस की बूँदें!
मौलिक व अप्रकाशित
कल्पना रामानी
Comment
चितेरा कौन है? जो रात, में जाजम बिछा जाता,
न जाने रैन कब बुनती, अकेली ओस की बूँदें!
बहुत खूब प्रकृति के सौन्दर्य का बखूबी चित्रण हुआ है हार्दिक बधाई आदरणीया कल्पना जी !
तितलियों और भँवरों की, चुहल से मुग्ध सी होतीं,
सुरों में साथ देती हैं, सुहानी ओस की बूँदें!..................रचना में यह पंक्ति बहुत सुंदर है
आदरणीया कल्पना जी, हार्दिक बधाई स्वीकारें
आदरणीय योगराज जी, मैं आपके बताए अनुसार संशोधित कर लूँगी। ये सारी बारीकियाँ धीरे धीरे समझ में आती जाएँगी। इसके लिए मैं इस मंच और मार्गदर्शक विद्वानों की हृदय से आभारी हूँ।
सादर
मेरी इस रचना को इतनी प्रशंसा मिली, मन बहुत आनंदित हुआ। आदरणीय विद्वान मित्रों, सौरभ श्रीवास्तवजी, महिमा जी,वसुंधरा जी, शिज्जु जी, श्याम जुनेजा जी, बसंत नेमा जी, वंदना जी, विनीता जी, आप सबका हृदय से आभार।
शब्दों की सुंदर बुनावट, नैसर्गिक सौन्दर्य की छटा समाहित किये हुए, प्रभावी रचना. बधाई आदरणीया.
गजल का हर शेर है कल्पा मखमली ओसँ की बूँदे ..
ओस की बूँद की तरह ही खुबसुरत है रचना बहुत सुन्दर आ0 कल्पना जी.. शुभकामनाये बधाई ....................
ग़ज़ल बेहद प्रभावशाली हुई है आद० कल्पना रामानी जी जिसके लिए तहे दिल से मुबारकबाद देता हूँ. दूसरे शेअर में "तितलियों" को "ति+तलियों" (१+२२) की तरह बाँधा गया है, जबकि असूलन इसे "तित+लियों" (२+२) की तरह महल किया जाना चाहिए था. पाँचवाँ शेअर भी भर्ती का लग रहा है जिसके बगैर भी काम चल सकता था. ज़रा नज़र-ए-सानी फरमाएँ.
//टहलने चल पड़ें साथी, निहारें रूप प्रातः का,
न जाने कब बिखर जाएँ, फरेबी ओस की बूँदें!//
वाह खूबसूरत शेर,
एक और मनमोहक ग़ज़ल तारीफ़ क़ुबूल फरमाएँ आदरणीय कल्पना जी
अलसुबह की प्रभाती सी सुन्दर रचना आपकी ...!!
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