For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सच मन को आहत करता है - वीनस केसरी

सच बोलने वालो
तुमको हमेशा सूली पर लटकाया गया
मगर यह गलत कहाँ है

तुम्हारे कारण
आहत होती हैं कितनी भावनाएँ,
शून्य से शिखर तक पहुँचते-पहुँचते
कितने शीशे टूट जाते है

सच बोलने वालो
तुम अलगाव वादी हो   

तुमसे बर्दाशत नहीं होती
अखंडता की भावना
तुम्हें मसीहाई सूझती है
तुम्हें अप्राकृतिक सुन्दर अट्टालिकाएँ नहीं दिखतीं
केवल भूखे लोग दीखते हैं
जोर से बोलने पर
सच भी जोरदार माना जा रहा है

तारे भी सूरज है और सूरज भी तारा
तो यह भेदभाव केवल इसलिए की सूरज जोरदार है ?

सच बोलने वालो
सच कडवा होता है इसलिए तुमने इसे दवा बताया
मगर यह जहर है, क़त्ल का सामान है  
मार डालता है हसीन सपनों को   
तुम झूठ के सामने प्रश्न चिह्न खड़े करते हो
क्यों ? कैसे ? कब ? कहाँ ? किसको ? किससे ? ...
तुम शानदार व्यवस्था में अवरोध भर हो

सच बोलने वालो
तुमको हमेशा सूली पर लटकाया जाता रहेगा
क्योकि,
तुम्हारे साथ यही सुलूक होना चाहिए

तुम इसी के हक़दार हो !!!

Views: 497

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 18, 2013 at 2:29am

व्यवस्था जब विकार सदृश हो जाय और समाधान के स्थान पर वापस कुण्ठा का कारण बने तो सत्य हाशिये पर जाता दिखायी देता है. सत्य से व्यवस्था होती होगी लेकिन सामान्य आँखों और मन के परे का तथ्य है. लेकिन व्यवस्था से सत्य दैनिक अनुभूतियों का हिस्सा है. यहीं आपका कवि विद्रोह कर उठता है. 

इस संदर्भ सापेक्ष रचना के लिए अतिशय बधाइयाँ, वीनसजी.. .

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 12, 2013 at 11:08pm

व्यवस्था पर व्यंग करती सुन्दर रचना आदरणीय वीनस जी.

Comment by Parveen Malik on April 10, 2013 at 8:22pm

वीनस जी सादर ,

सच बोलने वालो 
सच कडवा होता है इसलिए तुमने इसे दवा बताया 
मगर यह जहर है, क़त्ल का सामान है  
मार डालता है हसीन सपनों को   
तुम झूठ के सामने प्रश्न चिह्न खड़े करते हो 
क्यों ? कैसे ? कब ? कहाँ ? किसको ? किससे ? ...
तुम शानदार व्यवस्था में अवरोध भर हो..

बहुत ही सत्य कहा ... बहुत बढ़िया !

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 9, 2013 at 9:58pm

आ0 वीनस जी, वाह भाई जी! वास्तव में ये सत्य जानना चाहते हैं, सत्य के बगैर स्वयं नही रहते है, सत्य के उपासक हैं ये... मगर कोई अन्य स्वयं के हक के लिए सच की बात करता है, तो ये ही लोग उसे सूली पर चढ़ाकर, जहर देकर, डण्डो और पानी की धार से मार देते हैं।  अतिसुन्दर प्रस्तुति।  हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर,

Comment by ram shiromani pathak on April 9, 2013 at 7:27pm

आदरणीय भाई वीनस जी बहोत ही सुन्दर मार्मिक रचना है !हार्दिक बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी आदाब, "अभ्यास के क्रम में किये गए प्रयासों से सभी लाभान्वित होते…"
6 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
""मात्रा पतन शब्द के दाहिनी तरफ से होता है। बाईं तरफ से नहीं।"  इस नुक़्ते को…"
13 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बढ़िया सुझाव ............ सादर "
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"वाह "
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"वाह ...................... बढ़िया सुझाव ..................... सादर "
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बढ़िया सुझाव .... सादर "
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बहुत बढ़िया सुझाव  धन्यवाद अमित जी "
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बहुत बढ़िया सुझाव "
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय नादिर खान जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति ...... हार्दिक बधाई ..... सादर "
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय तिलक राज कपूर सर, आज आपकी ग़ज़ल का लुत्फ़ ले रहा हूँ. विस्तृत चर्चा कल ...... सादर "
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीया ऋचा यादव जी, इस शानदार प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. सादर "
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. सादर "
7 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service