For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गद्य के खंड रचे
प्रवाह भर भर के
इतना प्रवाह के
कविता टिक न सकी
पल भर को
उड़ गयी कहीं दूर
बहुत दूर
कवियों की खोज मे


और लेखक इतराता है
अतुकान्त का बोध कराता
स्वयं को
गुपचुप मुस्काता
सोचता है
कौन जानता है
कविता का आंतरिक सौंदर्य
बाहरी परिवेश
इंफ्रास्ट्रकचर ठीक
मतलब सब ठीक

अंदर जा के
किसको क्या मिला है
लय छन्द ताल
व्यर्थ हैं भाव के बिना
फिर एक मुस्कान भरता है
देखा हो गया न आसान
खुद को जॅस्टीफ़ाई करना
बन गया न गद्य
कविता प्रवाह युक्त
बिल्कुल मुक्त
मुक्त काव्य
शिल्प है न !!

अतुकान्त

संदीप पटेल "दीप"

Views: 473

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 14, 2013 at 1:28pm

आदरणीय गुरुदेव सादर प्रणाम 

आपकी बधाई पाकर लेखन सफल हुआ 

स्नेह और आशीष यूँ ही बनाये रखिये 

सादर आभार आपका 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 14, 2013 at 7:28am

...   लेखक इतराता है
अतुकान्त का बोध कराता
स्वयं को
गुपचुप मुस्काता
सोचता है
कौन जानता है
कविता का आंतरिक सौंदर्य

:-)))))

बधाई, भाई संदीपजी .. .

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 5, 2013 at 10:06pm

आदरणीया डॉ प्राची जी, आदरणीया कुंती जी, आदरणीय राम भाई , आदरणीय अशोक सर जी, आदरणीय केवल जी , आदरणीय संदीप भाई, आदरणीय लक्ष्मण सर जी आप सभी का ह्रदय से धन्यवाद इस प्रयास को सराहने हेतु

स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

सादर आभार आप सभी का

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 5, 2013 at 7:54pm

वाह ! संद्देप भाई मै तो ओबीओ में आने से पहले अतुकांत का ही आनंद लेता आ रहा था | मैंने विध्य्यार्थी जीवन में और युवा 

अवस्था में हकीकत" अग्रागामी मासिक, और निराला समाज त्र्स्दामासिक का सम्पादन तक किया है जब तक मै छंद शिल्प 

विधा से अनभिग्य था, आपकी पैरवी से कुछ तसल्ल्ली सी हुई | सुन्दर रचना के लिए बधाई 

Comment by ram shiromani pathak on April 5, 2013 at 12:28pm

आदरणीय संदीप पटेल जी, बहुत बहुत सुन्दर, बधाई स्वीकारें।

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on April 5, 2013 at 2:58am

:-)

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 4, 2013 at 10:51pm

आदरणीय संदीप कुमार पटेल जी, बहुत ही सुगढ़ शैली में पता ही नही चलता कि कविता कब समाप्त हो गई। बहुत बहुत सुन्दर, बधाई स्वीकारें।

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 4, 2013 at 9:39pm

आदरणीय संदीप जी सादर गद्य रचना को बल देती सुन्दर अतुकांत रचना. बधाई स्वीकारें.

Comment by coontee mukerji on April 4, 2013 at 6:16pm

संदीप जी कविता भावनाएं व्यक्त करने का एक अच्छा माध्यम है जिसमें एक सन्देश हो तो सोने में सुहागा है .धन्यवाद  .


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 4, 2013 at 4:58pm

आदरणीय संदीप पटेल जी,

अतुकांत काव्य की अच्छी पैरवी की है...

बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। बहुत खूबसूरत गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया

पलभर में धनवान हों, लगी हुई यह दौड़ ।युवा मकड़ के जाल में, घुसें समझ कर सौड़ ।घुसें समझ कर सौड़ ,…See More
10 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   वाह ! प्रदत्त चित्र के माध्यम से आपने बारिश के मौसम में हर एक के लिए उपयोगी छाते पर…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत कुण्डलिया छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, कुण्डलिया छंद पर आपका अच्छा प्रयास हुआ है किन्तु  दोहे वाले…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया छंद रचा…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आती उसकी बात, जिसे है हरदम परखा। वही गर्म कप चाय, अधूरी जिस बिन बरखा// वाह चाय के बिना तो बारिश की…"
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीया "
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"बारिश का भय त्याग, साथ प्रियतम के जाओ। वाहन का सुख छोड़, एक छतरी में आओ॥//..बहुत सुन्दर..हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्र पर आपके सभी छंद बहुत मोहक और चित्रानुरूप हैॅ। हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेश कल्याण जी।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service