For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदिकाल से नारी स्वयं में है पहचान,
क्यों कर अबला बनी है सर्वशक्तिमान,
दुर्गा अहिल्या शबरी सावित्री रूप भाता,
दुष्ट दलन श्रृष्टि कर्ता दुःख भंजन माता,
बहना बेटी भार्या बन परिवार में आती,
उड़ेल स्नेह कई रूपों में संस्कार जगाती,
धरती सा सीना इसका वात्सल्य की मूर्ति,
त्याग समर्पण स्नेह से करती इच्छा पूर्ति,
नाहक पुरूष पुरुषार्थ दिखाते लज्जा न आती,
न कोई और रिश्ता हो ये माता तो कहलाती|

प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा
९-१-२०१३

Views: 408

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on February 19, 2013 at 11:32am

धन्यवाद 

आदरणीय अशोक जी 

सादर नमस्कार 

Comment by Ashok Kumar Raktale on January 25, 2013 at 1:57pm

सुन्दर रचना आदरणीय प्रदीप जी, सही है नारी को पूरा सम्मान मिलना चाहिए.सादर.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on January 13, 2013 at 3:44pm

आदरणीया शुभ्रा जी 

सादर 

प्रोत्साहन  हेतु आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on January 13, 2013 at 3:42pm

आदरणीया अन्वेषा जी 

सादर 

प्रयास किया है. 

शायद कुछ बदलाव आये 

आभार प्रोत्साहन हेतु 

Comment by shubhra sharma on January 11, 2013 at 9:28pm

'नाहक पुरूष पुरुषार्थ दिखाते लज्जा न आती',प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा जी  सुन्दर और सटीक रचना 

......................शुभ्रा 
Comment by Anwesha Anjushree on January 11, 2013 at 7:08pm

wartman me jo ghatit hua...ya jo hota aa raha hai...durbhagya ki baat hai....asha hai mansikta me kabhi badlav aaye...achchha prayas

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on January 10, 2013 at 4:52pm

धन्यवाद आदरणीय अनन्त जी 

रचना आपको भाई. 

Comment by अरुन 'अनन्त' on January 10, 2013 at 4:12pm

आदरणीय कुशवाहा सर नारियों में शक्ति, जोश और उर्जा को बढाती, नारी को समर्पित सुन्दर रचना हार्दिक बधाई

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on January 10, 2013 at 2:50pm

आदरणीय बागी जी, 

सादर 

प्रोत्साहन हेतु आभार 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 10, 2013 at 2:26pm

//बहना बेटी भार्या बन परिवार में आती,
उड़ेल स्नेह कई रूपों में संस्कार जगाती,//

बिलकुल सटीक बयानी, सच्ची सच्ची बात, अच्छी अभिव्यक्ति आदरणीय कुशवाहा जी , बधाई हो |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - सपने
"उत्तम प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
21 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक -वाणी
"वाह बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
21 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी झूठ पर आधारित सुन्दर दोहावली का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई ।सर क्या दोहे में…"
22 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)-----------------------------देवलोक भी जोहता,चकवे की ज्यों बाट।संत सनातन संग…See More
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service