For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ना तुझे पाने की खुशी ना तुझे खोने का ग़म

ना तुझे पाने की खुशी, ना तुझे खोने का ग़म 

मिल जाए तो मोहब्बत, ना मिले तो कहानी है 

ना आँखों में आँसू और ना चेहरे पर पानी  

बेचैन मोहब्बत में, बदनाम जवानी है 

ना तेरे साथ की चाहत, ना तेरे जुदाई की ख़्वाहिश 

जो साथ रहे तो मंज़िल हो ना हो तो सफर सुहानी है 

ना तेरे आने की आस, ना तुझे पाने की तलब 

जैसे है हम,  वैसे हीं अपनी कहानी है  

ना तेरे होने से फूल खिलेंगे, ना तेरे खोने से बाग उजड़ेंगे 

ये मिजाज तो मौसम के है, अपने वक़्त में ही सवरेंगे 

ना तू खुशियाँ लेकर आया था, ना तू ग़म देकर जाएगा 

वक़्त है तेरे  पहले भी कटता था, तेरे बाद भी गुजर जाएगा 

ना तूने हँसी दी हमें,  ना तू रुला रुला हीं सका हमको 

दिल का क्या  है? आज ग़मज़दा है, कल खुशनुमा हो जायेगा 

"मौलिक व अप्रकाशित" 

अमन सिन्हा 

Views: 263

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mahendra Kumar on October 13, 2022 at 7:32pm

आदरणीय अमन जी, रचना के भाव अच्छे हैं जिस हेतु हार्दिक बधाई प्रेषित है। मेरा सुझाव है कि आप जिस भी विधा में लिखना चाहते हैं पहले उसके शिल्प का अध्ययन अवश्य कर लें। यह बात तब और भी ज़रूरी हो जाती है जब आप छन्दबद्ध रचना लिखते हैं। सौभाग्य से इस मंच पर विभिन्न विधाओं के बुनियादी शिल्प पर बहुत अच्छे आलेख उपलब्ध हैं। आप उन तक पहुँचें और उनका अध्ययन करें। मेरी तरफ़ से ढेर सारी शुभकामनाएँ।

Comment by AMAN SINHA on October 5, 2022 at 10:50am

आदरणीय समर कबीर साहब, 

तारीफ़ के लिये दिल से धन्यवाद। साहब, मैं किसी विधा से परिचित नहीं हूँ। नाहींं मुझे किसी भी लेखन विधि की पहचान हीं है। बचपन में दोहे, छंद, सोरठा इत्यादी पाठ्य पुस्तक में पढे थे। कुछ कविताएं भी पढी थी। विगत चार साल से गज़ल, शेर और उर्दु के दुसरी विधाओं को सुन रहा हूँ। बस यही मेरे सिखने का स्रोत है। मैं खुद भी नहीं जानता कि मैं जो लिख रहा हूँ उसकी श्रेणी क्या है। तो अगर आप मुझसे इस विषय में किसी भी प्रकार के उत्तर की कामना करेंगे तो मुझपर बोझ बढेगा। 

मेरी अज्ञानता के लिये आपसे क्षमा चाहता हूँ। आशा करता हूँ आप मेरे असमर्थता को समझेंगे और अपना स्नेह मुझपर युं ही बनाये रखेंगे। 

धन्यवाद। 

सादर।  

Comment by Samar kabeer on October 4, 2022 at 4:33pm

जनाब अमन सिन्हा जी आदाब, अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें.

आप रचनाएँ किस विधा पर लिखते हैं कुछ समझ नहीं आता?

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"दोहा सप्तक. . . . . मित्र जग में सच्चे मित्र की, नहीं रही पहचान ।कदम -कदम विश्वास का ,होता है…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर,…"
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"गीत••••• आया मौसम दोस्ती का ! वसंत ने आह्वान किया तो प्रकृति ने श्रृंगार…"
15 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आया मौसम दोस्ती का होती है ज्यों दिवाली पर  श्री राम जी के आने की खुशी में  घरों की…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . धर्म
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी दोहावली अपने थीम के अनुरूप ही प्रस्तुत हुई है.  हार्दिक बधाई "
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . जीत - हार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी दोहावली के लिए हार्दिक धन्यवाद.   यह अवश्य है कि…"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी प्रस्तुति आज की एक अत्यंत विषम परिस्थिति को समक्ष ला रही है. प्रयास…"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . पतंग
"आवारा मदमस्त सी, नभ में उड़े पतंग ।बीच पतंगों के लगे, अद्भुत दम्भी जंग ।।  आदरणीय सुशील…"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"दुःख और कातरता से विह्वल मनस की विवश दशा नम-शब्दों की रचना के होने कारण होती है. इसे सुन्दरता से…"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मकर संक्रांति
"बढिया भावाभिव्यक्ति, आदरणीय. इस भाव को छांदसिक करें तो प्रस्तुति कहीं अधिक ग्राह्य हो जाएगी.…"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"झूठ के विभिन्न आयामों को कथ्य में ढाल कर आपने एक सुंदर दोहावली प्रस्तुत की है, आदरणीय लक्ष्मण धामी…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service