212 212 212 22
इक वहम सी लगे वो भरी सी जेब
साथ रहती मेरे अब फटी सी जेब
ख्वाब देखे सदा सुनहरे दिन के
आँख खुलते मिली बस कटी सी जेब
चैन आराम सब खो दिया तुमने
पास…
ContinueAdded by gumnaam pithoragarhi on July 4, 2022 at 9:30am — 6 Comments
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