२२ २२ २२ २
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यार कभी तू ऐसा कर
रस्ता मेरा देखा कर
याद किया बरसों तुझको
इक पल तू भी सोचा कर
अपने दाम लगा फिर तू
हाट लगा कर बेचा कर
सूरज चाँद पकड़ने में
जुगनू को मत छोड़ा कर
फोन खरीदा महँगा तो
इक दो कॉल मिलाया कर
बन झूठा बीमार कभी
रस्ता सबका ताका कर
तेरा भी है नाम…
ContinueAdded by gumnaam pithoragarhi on July 16, 2015 at 11:17am — 3 Comments
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