२१२२ / २१२२/ २१२२/ २१२ |
राह चलते दिल मिला फिर याद बनकर रह गया | |
ख़्वाब जो देखा कभी वो अश्क बनकर बह गया | |
रात बीती चांदनी में खाब आँखों में लिये… |
Added by Shyam Narain Verma on March 31, 2015 at 4:38pm — 6 Comments
१२२२ १२२२ १२२२ १२२२ - हजज मुसम्मन सालिम |
चमन में फूल खिलते हैं खुशी का राज होता है | |
ख़ुशी में झूमते भौंरे मजे से काज होता है | |
खिले जब फूल डाली में नजारा ही बदल जाये… |
Added by Shyam Narain Verma on March 23, 2015 at 12:15pm — 12 Comments
२१२२ २१२२ २१२२ २१२२ - रमल मुसम्मन सालिम |
छोड़ कर आतंक का दर नेक कोई काम करते | |
जान लेने के सिवा सारे जहाँ में नाम करते | |
लोग जो आये जहाँ में चाँदनी सब के लिए है ,… |
Added by Shyam Narain Verma on March 17, 2015 at 3:03pm — 14 Comments
११२१२ ११२१२ ११२१२ ११२१२ कामिल - मुतफ़ाइलुन |
हक़ के लिये लड़ते सभी झगड़ा कभी थमता नहीं | |
शक है वहीँ डर है कहीं प्रिय पास है समता नहीं | |
जब साथ है हर बात है कटु… |
Added by Shyam Narain Verma on March 13, 2015 at 12:03pm — 17 Comments
२२१२ २२१२ २२१२ 2212 |
मौसम कहाँ जाये बदल जानें कहाँ बरसात हो | |
दहशत भरे माहौल में जाने कहाँ पर घात हो | |
कैसे करे दोस्ती कहीं जा कर किसी भी देश में ,… |
Added by Shyam Narain Verma on March 11, 2015 at 2:30pm — 10 Comments
२१२२ २१२२ २१२२ २१२२ |
कामयाबी रंग लाये तब जमाना पास आये | |
रंज बैरी भूल जाये हाथ थामे रास आये | |
पात ना आये अगर डाली कहीं सूखी हुई हो , |
फूल डाली पर खिले जैसे नजारा खास आये |… |
Added by Shyam Narain Verma on March 3, 2015 at 1:00pm — 12 Comments
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