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किसी से कम रहो ना  बेटी  , पढ़ो बढ़ो  तुम आगे जाओ  |
अडिग रहो अपने ही पथ पर ,  तुम कदम ना पीछे हटाओ  |
नाम करो अपना इस  जग में , बढ़ो  सुता  तुम कदम बढ़ाओ |
हर मुश्किल में रहे हौसला , हर गम सहकर बढ़ते जाओ   |
वक़्त  के संग बढ़ते जाना  , अगम राह से ना घबराओ  |
हार कभी भी तंग ना करे  , ठोकर खाकर बढ़ते जाओ  |
कभी  तुम्हें मिलेगी मंज़िल , हर बाधा से लड़ते जाओ |
बढ़ो शान से बढ़ते जाओ , पढ़  लिख कर  तुम  नाम कमाओ |
श्याम नारायण वर्मा 
मौलिक अप्रकाशित

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Comment by Shyam Narain Verma on June 6, 2017 at 10:26am
बहुत बहुत धन्यवाद जी ,  आपका हार्दिक आभार  |
Comment by Mahendra Kumar on June 5, 2017 at 7:56pm

आ. श्याम नारायण जी, बेटियों का हौसला बढ़ाती बढ़िया रचना प्रस्तुत की है आपने. मेरी तरफ़ से हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. इस कविता में मुझे निम्नलिखित संशोधनों की आवश्यकता प्रतीत हो रही है. आप देख लीजिएगा. 

हर मुश्किल में रहे हौसला, हर गम सहकर बढ़ती जाओ   |

हार कभी भी तंग ना करे, ठोकर खाकर बढ़ती जाओ  |

कभी तुम्हें मिलेगी मंज़िल, हर बाधा से लड़ती जाओ |

बढ़ो शान से बढ़ती जाओ, पढ़ लिख कर तुम नाम कमाओ |

सादर.

Comment by Shyam Narain Verma on June 4, 2017 at 9:18am
अपका हार्दिक आभार जी
Comment by Mohammed Arif on June 4, 2017 at 7:42am
आदरणीय श्याम नारायण जी आदाब, बेटियों की गरिमा और गौरव को रेखांकित करती बेहतरीन रचना । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

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