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PHOOL SINGH
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PHOOL SINGH posted a blog post

सम्राट अशोक महान

चन्द्रगुप्त का पौत्र, जो बिन्दुसार का पुत्र थाबौद्ध धर्म का बना अनुयायीजो धर्म-सहिष्णु सम्राट हुआ|| माता जिसकी धर्मा कहलाती, सुशीम नाम का भाई थाइष्ट देव शिव-शंकर पहलेज्ञान-विज्ञान का बड़ा जिज्ञासु हुआ|| परोपकार की भावना जिसमें, उत्सुक जो अभिलाषी थामहेंद्र-संघमित्रा का पिता न्यारासदा पुत्र-पुत्री का साथ मिला|| बेहतरीन अर्थव्यवस्था ग़ज़ब सुशासन, जिसका कल्याणकारी द्रष्टिकोण थादेवताओं का प्रिय प्रजा का रक्षकजिसका देवानांप्रिय भी नाम हुआ|| प्रजावत्सल वह कर्तव्यपरायण, भू-भाग का बड़े सम्राट थाधर्मग्रंथो…See More
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on PHOOL SINGH's blog post सब खैरियत
"आद0 फूल सिंह जी सादर अभिवादन। बढ़िया है"
Mar 22
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on PHOOL SINGH's blog post सब खैरियत
"आ. भाई फूल सिंह जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Mar 17
PHOOL SINGH commented on PHOOL SINGH's blog post सब खैरियत
"बहुत बहुत आभार आपका ..."
Mar 14
Rachna Bhatia commented on PHOOL SINGH's blog post सब खैरियत
"आदरणीय फूल सिंह जी सकरात्मकता लिए हुए अच्छी रचना हुई। बधाई स्वीकारें।"
Mar 9
PHOOL SINGH posted a blog post

सब खैरियत

कहाँ रहते वो कैसे रहतेउनसे न होती अपनी बातवैर भाव की बात नही ये, अब उनसे न कोई दुआ-सलाम।। खैरियत भी वो नहीं पूछतेक्या प्रेमभाव की करूँ मैं बातअच्छे-खासे रिश्ते उनसे, न जानें क्यूँ वो रहते नाराज।। हसी-मजाक, टिटौली चलतीहमारी कौन सी लगी उन्हें बुरी बातकल तक थे जो अपनों से बढ़कर, है आज उसने दूरी खास।। आना-जाना लगा रहता थामिलजुल कर पहले रहते साथसही सलामत है कि नही वें, अब मिलता नहीं है कोई समाचार।। जीवन है चलता रहेगाघबराने की न इसमे बातसुख-दुख होते वक़्त के पहिये, आज तेरे कल उसके साथ|| समस्या है तो…See More
Feb 21
PHOOL SINGH commented on PHOOL SINGH's blog post शांति दूत श्री कृष्ण
"लक्ष्मण भाई को सादर प्रणाम और बहुत बहुत धन्यवाद की आपने मेरी रचना को अपना कीमती वक़्त दिया"
Feb 20
PHOOL SINGH posted a blog post

14 फरवरी

प्यार-शहादत का दिन ये क्यूं जज़्बात से किसी के खेले एक ओर है पुलवामा की घटना उधर, ले प्रेमियों के दिल हिचकोले।।कितनों के सुहाग उजड़ गए दुनियाँ, कितनों के लाल थे छोड़े भाई बिन कितनी बहनें रोती कितने, पिता की याद में रोते।।कोई खुश है प्रेम को पाकर कोई इंतजार में इत-उत डोले रात-दिन है कोई जागता कुछ प्रेमी की याद में रोते।।बड़ा है दिन ये दोनों का ही क्यूं अहमियत न इसकी समझें श्रृद्धा-सुमन तू अर्पित करके शहीदों को नमन तू कर लें।।बिछडे न कोई दिल का टुकड़ा दुआ खुदा से कर लें प्रेम की कर बरसात जहां…See More
Feb 15
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on PHOOL SINGH's blog post शांति दूत श्री कृष्ण
"आ. भाई फूल सिंह जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Feb 15
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Feb 12
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अंगराज कर्ण

सूर्य कहलाएं पिता थे जिसकेमाता सती कुमारीजननी का क्षीर चखा न जिसनेवो वीर अद्भुत धनुर्धारी।। निज समाधि में निरत रहा जोस्वयं विकास किया था भारीपालना बनी थी आब की धाराबिछौना बनी पिटारी।। ज्ञानी-ध्यानी, प्रतापी-तपस्वीजिसका पौरुष था अभिमानीकोलाहल से दूर नगर केजो सम्यक अभ्यास का था पुजारी।। नतमस्त्क करता प्रतिबल कोलगाता घात विजय की खूब दिखाप्रचंडतम धूमकेतु-सा आताचाहे कुंज्ज-कानन में कहीं दूर पला।। वन्यकुसुम सा खिला कर्णछटा सूर्य के तेज की सुनहरीअस्त्र-शस्त्र विद्या में जो परांगतउसका सच जानने को;…See More
Feb 10
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Feb 8
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Feb 2
PHOOL SINGH commented on Chetan Prakash's blog post गीत.... असल कामयाबी जीवन की
"बहुत बहुत सुंदर गीत सर बधाई स्वीकारें "
Jan 27
PHOOL SINGH commented on AMAN SINHA's blog post वक़्त को भी चाहिए वक़्त
"बहुत बढ़िया महोदय "
Jan 27
PHOOL SINGH commented on Usha Awasthi's blog post वसन्त
"महोदया बहुत ही अच्छी रचना साधुवाद "
Jan 27

Profile Information

Gender
Male
City State
DELHI
Native Place
DELHI
Profession
KALSHANIA CONSULTANCY
About me
NOTHING MUCH

जीवन संगिनी

हार हार का टूट चुका जब

तुमसे ही आश बाँधी है

मैं नहीं तो तुम सही

समर्थ जीवन की ठानी है||

 

मजबूर नहीं मगरूर नहीं मैं 

मोह माया में चूर नहीं मैं

साथ तुम्हारा मिल जाए तो

लक्ष्य से भी दूर नहीं मैं ||

 

सुख दुःख की घटना तो

जीवन में घटती रहती है

छोटी छोटी नोक झोंक भी

हर रिश्ते में होती है 

छोड़ न देना साथ निभाना

तुमसे, प्रेम की डोर जो बाँधी है||

 

गलत किये थे कुछ निर्णय

ये बात भी स्वीकारी है

मैं  गलत और तुम सही

गलती मैंने मानी है

मझधार में फसीं जिंदगी की

नैया पार लगानी है||

 

जीवन संगिनी बनकर,

मेरी जिंदगी, सँवारी है

घर नहीं मेरे दिल में रहना

बस ख़्वाहिश ये हमारी है

मैं नहीं तो तुम सही

समर्थ जीवन की ठानी है||

 

PHOOL SINGH's Blog

सम्राट अशोक महान

चन्द्रगुप्त का पौत्र, जो बिन्दुसार का पुत्र था

बौद्ध धर्म का बना अनुयायी

जो धर्म-सहिष्णु सम्राट हुआ||

 

माता जिसकी धर्मा कहलाती, सुशीम नाम का भाई था

इष्ट देव शिव-शंकर पहले

ज्ञान-विज्ञान का बड़ा जिज्ञासु हुआ||

 

परोपकार की भावना जिसमें, उत्सुक जो अभिलाषी था

महेंद्र-संघमित्रा का पिता न्यारा

सदा पुत्र-पुत्री का साथ मिला||

 

बेहतरीन अर्थव्यवस्था ग़ज़ब सुशासन, जिसका…

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Posted on March 28, 2023 at 4:27pm

सब खैरियत

कहाँ रहते वो कैसे रहते

उनसे न होती अपनी बात

वैर भाव की बात नही ये, अब उनसे न कोई दुआ-सलाम।।

 

खैरियत भी वो नहीं पूछते

क्या प्रेमभाव की करूँ मैं बात

अच्छे-खासे रिश्ते उनसे, न जानें क्यूँ वो रहते नाराज।।

 

हसी-मजाक, टिटौली चलती

हमारी कौन सी लगी उन्हें बुरी बात

कल तक थे जो अपनों से बढ़कर, है आज उसने दूरी खास।।

 

आना-जाना लगा रहता था

मिलजुल कर पहले रहते…

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Posted on February 21, 2023 at 9:38am — 4 Comments

14 फरवरी

प्यार-शहादत का दिन ये

क्यूं जज़्बात से किसी के खेले

एक ओर है पुलवामा की घटना

उधर, ले प्रेमियों के दिल हिचकोले।।

कितनों के सुहाग उजड़ गए

दुनियाँ, कितनों के लाल थे छोड़े

भाई बिन कितनी बहनें रोती

कितने, पिता की याद में रोते।।

कोई खुश है प्रेम को पाकर

कोई इंतजार में इत-उत डोले

रात-दिन है कोई जागता

कुछ प्रेमी की याद में रोते।।

बड़ा है दिन ये दोनों का ही

क्यूं अहमियत न इसकी समझें

श्रृद्धा-सुमन तू…

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Posted on February 14, 2023 at 9:30am

शांति दूत श्री कृष्ण

अज्ञातवास जब समाप्त हुआ

पांडवों में साहस भरा

कनक सदृश तप कर आए

उनमें प्रखर उत्साह का तेज बड़ा।।

कायर दहलता विपत्ति में अक्सर

शूरमा विचलित न कभी हुआ

गले लगाकर हर दुःख-विध्न को

धीरज से उसका तेज हरा।।

कांटो भरी राह पर चलकर

उफ्फ तक न वो कभी किया

धूल के गहने पहन चरण में

साहस के सहारे बढ़ता गया।।

उद्योग निरत नित करता रहता

उसने सब सुख-सुविधाओ का त्याग किया

शूलों के सदा समूल विनाश को

राह स्वयं के विकास की…

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Posted on February 12, 2023 at 8:29am — 2 Comments

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