For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रथम रुषाली कर्ण की पत्नी

जिसे पितृ इच्छा से पाता

दूसरी कहलाती सुप्रिया, खास भानुमती से जिसका नाता||

 

अंसावरी को वही बचाता

था आतंकवादियों ने जिसको घेरा  

प्रेम करती उससे पहले, फिर सुतपुत्र कह धुत्कारा||

 

स्वयंवर जीता अंसावरी का

प्रेम था उससे करता

धुत्कार जिससे सह चुका था, अब स्वीकार न उसको करता||

 

दासी पद्मावती उससे प्रेम थी करती

विनती राजा से उसकी करता

अटूट रिश्ता सदा उससे रहता, सच्ची संगनी जग पद्मावती को उसकी कहता||

 

द्रौपदी स्वयंवर में आया कर्ण

दुर्योधन का सहायक बनता

पहली नजर में दिल हारता, जब द्रौपदी के सम्मुख पड़ता||

 

स्वीकार न करती अपमानित करती  

वक़्त उसको फिर से छलता

अजीब स्थिति से उलझता हरदम, भावुक हृदय सूतपुत्र था||

 

दासियों ने ही स्वीकारा जिसको

जो महान धनुर्धर अपने वक़्त का

छलती आयी नियति हमेशा, पर वो सदा अपने कर्तव्य पथ पर बढ़ता||

 

उसके होने न होने से फर्क न पड़ता

अजीब जीवन का किस्सा

दुर्योधन और कृष्ण समझते, मर्म उसके तड़पते मन का||

 

उनसे हमेशा धुत्कार है खाता

जिनसे प्रेम सच्चा करता

सूतपुत्र होने का बड़ा मोल चुकाता, खुद को फिर भी जिंदा रखता||

 

रुषाली-सुप्रिया बनी कई पुत्रों की माता

सुत युद्ध की बलि में चढ़ता

महाकाल का तांडव जिसमे, जिंदा वृषकेतु ही बचता||

 

इन्द्रप्रस्थ का राजा उसे बनाकर

युधिष्ठिर गज़ब का निर्णय सुनाता

अनूठा रिश्ता उससे निभाकर, अपने धर्म के पक्ष को रखता||

 

धर्म की स्थापना कर सभी ने

धर्म को जिंदा रखा

अपने-अपने कर्तव्य में निपुण रहे सब, सबका सुख-सुविधा में जीवन कटता||

स्वरचित व मौलिक रचना 

Views: 45

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
54 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
54 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
55 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
55 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
56 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
57 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
1 hour ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
3 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
3 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
3 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service