आदरणीय साथिओ,
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खैर एक यही क्षेत्र बचा है निजीकरण से, आपने उसे भी लपेट लिया. बहुत बढ़िया कटाक्ष करती रचना विषय पर, बहुत बहुत बधाई आ तेज वीर सिंह जी
हार्दिक आभार आदरणीय विनय जी।
आदरणीय तेज वीर सिंह जी नये विषय को लेकर लिखी गई अच्छी लघुकथा ।हार्दिक बधाई ।
हार्दिक आभार आदरणीय रचना जी ।
मरने पर भी नियम कानून। इस तरह के नये फरमान कभी सत्य ना बनें। हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह जी इस शानदार लघुकथा के लिये।
हार्दिक आभार आदरणीय प्रतिभा जी ।
आदाब।.विषयांतर्गत बेहतरीन उम्दा रचना के लिए हार्दिक बधाई जनाब तेजवीर सिंह साहिब।
अहसास
रेवतीवउनकेपतिनेनाश्ताख़त्महीकियाथाकि,बहूनेआकरपूछा“मम्मीजीआजखानेमेंक्याबनवालूँ।”
“ओहकमलाआगयीक्या?”रेवतीनेपूछा।
“जीमम्मीजी।”बहूनेबताया।
“बहूतुम्हारेससुरजीकलकढ़ीखानेकाबोलरहेथे,वोबनवालोऔरसब्ज़ीजोतुम्हारामनहोबनवालो।”रेवतीबोली।
“तोफिरमम्मीजीगोभीकीसब्ज़ीबनवालेतीहूँ, रोटीऔरचावलतोबनेंगेही,औरहाँमम्मीजीकमलाकुछरुपएबढ़ानेकाबोलरहीथी,आपकहेतो२००रुपएबढ़ादूँ?”बहूबोली।
“हाँबहूबढ़ादो,महँगाईकितनीबढ़गयीहै।”रेवतीनेकहा।
“अच्छामम्मीजी,मैंखानेकाकमलाकोबतातीहूँ,वआपके लिएवपापाजीकेलिएदूधभिजवातीहूँ।”ऐसाकहकरबहूचलीगयी।
बहूकेजातेहीअबतकचुपबैठेरेवतीकेपतिबोले“येबहूरोज़खानेकेलिएतुमसेक्योंपूछतीहै,बोलक्योंनहींदेतीउससे,इतनेअच्छेसेसबसंभालेंहै, खानाभीसबकीपसंदकाबनवालेगी।“
“मैंउसेइसलिएमनानहींकरती,क्योंकिउसकामुझसेपूछनामुझेघरमेंमेरेवजूदकाअहसासकराजाताहै।”रेवतीबोली।
“तुम्हारीबातेंतोमुझेसमझमेंहीनहींआती।”पतिबोले।
“हमस्त्रियोंकोइनछोटी- छोटीबातोंमेंजोख़ुशीमिलतीहै,उसेआपपुरुषकभीनहींसमझोगे।”रेवतीमुस्कुराकरबोली।
“तुम्हारीबातेंतुम्हींजानो।”येकहकरपतिनेअख़बारउठालिया।
मौलिकवअप्रकाशित
आदरणीय Barkha Shukla जी बहुत बढ़िया लघुकथा बधाई स्वीकार करें
बहुत - बहुत धन्यवाद आदरणीय आसिफ़ जी ,सादर
रचना सुंदर है, प्रस्तुति में बीच के स्पेस की आवश्यकता है.... बधाई स्वीकार करे
आदरणीय सर बहुत - बहुत धन्यवाद , सर स्पेस दे कर टाइप किया था ,काँपी पेस्ट करने पर ऐसा हो गया , सादर
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