Tags:
Replies are closed for this discussion.
आओ मिल जुल के कोई बात बनाई जाये,
बज्म उजड़ी हुई है फिर से सजाई जाये.
दौरे हाज़िर की कहानी के खुदा खैर करे,
दास्ताँ अपने बुजुर्गों की सुनाई जाये.
मुफ्त तालीम का हक मिल रहा बच्चों को मगर,
मुफलिसी कहती है मजदूरी सिखाई जाये.
पीठ पीछे की बुराई तो चुगल करते हैं,
बात जो हो वो मेरे मुंह पे बतायी जाये.
आपका हँसता हुआ चेहरा बहुत खूब मगर,
जो पशे-पर्दा है सूरत वो दिखाई जाये.
हिर्श की आग जमाने से मिटे ना मुमकिन,
चाहे वो सात समंदर से बुझाई जाये.
भाई, भाई से जुदा कर दिया इसने आलोक,
आओ नफरत की ये दीवार गिराई जाये..
//मुफ्त तालीम का हक मिल रहा बच्चों को मगर,
मुफलिसी कहती है मजदूरी सिखाई जाये.//
आहा ! बहुत ही सटीक बयानी किया है श्रीमान, सरकार घोषणा पर घोषणा करती गई पर असली कारण पर किसी की नजर नहीं जाती, बहुत ही उम्द्दा शे'र |
//पीठ पीछे की बुराई तो चुगल करते हैं,
बात जो हो वो मेरे मुंह पे बतायी जाये.//
पीठ picche बुराई करने वाले तो बुजदिल होते है और उन्हें कहा हिम्मत मुह पर कुछ कहने की , बढ़िया शे'र |
//आपका हँसता हुआ चेहरा बहुत खूब मगर,
जो पशे-पर्दा है सूरत वो दिखाई जाये.//
गूढ़ अर्थ लिए हुए शे'र , दिल सच्चा और चेहरा झूठा ....
//भाई, भाई से जुदा कर दिया इसने आलोक,
आओ नफरत की ये दीवार गिराई जाये//
वाह वाह दिल जीत लिया इस शे'र ने, आज की असली जरुरत |
कुल मिलाकर बहुत ही खुबसूरत ग़ज़ल , बधाई स्वीकार करे आदरणीय !
आपक हंसता हुआ चेहरा बहुत ख़ूब है मगर,
जो पशे परदा है सूरत वो दिखाई जाये।
बेहतरीन शे"र योगेन्द्र जी को मुबारकबाद।
आपका हँसता हुआ चेहरा बहुत खूब मगर,
जो पशे-पर्दा है सूरत वो दिखाई जाये...
bahut hi umda gazal..sir..bahut badhai aapko...
आपके हर अशार काबिलेतारीफ़ और दिल के नज़दीक हैं.
बधाई स्वीकार कर अनुगृहित करें, भाईसाहब.
यूं तो पूरी ग़ज़ल बहुत खूबसूरत है लेकिन इन दो शेअरों ने दिल ही जीत लिया :
//
मुफ्त तालीम का हक मिल रहा बच्चों को मगर,
मुफलिसी कहती है मजदूरी सिखाई जाये.
पीठ पीछे की बुराई तो चुगल करते हैं,
बात जो हो वो मेरे मुंह पे बतायी जाये.//
दिल से बधाई देता हूँ आदरणीय आलोक जी - स्वीकार करें !
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |