For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तेरे आने से आये दिन सुहाने ।

1222 1222 122

.

तेरे आने से आये दिन सुहाने ।

हैं लौटे फिर वही गुजरे ज़माने ।।

भरा अब तक नही है दिल हमारा ।

चले आया करो करके बहाने ।।

हमारे फख्र की ये इन्तिहाँ है ।

वो आये आज हमको आजमाने ।।

बड़ी शिद्दत से तुझको पढ़ रहा था ।

हवाएं फिर लगीं पन्ने उड़ाने ।।

शिकायत दर्ज जब दिल में कराया ।

अदाएँ तब लगीं पर्दा हटाने ।।

नज़र से लूट लेना चाहते हैं ।

हैं मिलते लोग अब कितने सयाने ।।

न चर्चा कर यहाँ अपनी वफ़ा का ।

अभी तक घाव जिन्दा हैं पुराने ।।

गवाही आँख उनकी दे रही है ।

वो आए हैं फ़क़त रस्में निभाने ।।

जरा सी सच बयानी हो गयी तो ।

ज़माना आ गया मुझको झुकाने ।।

नसीहत दे रही है मुफ़लिसी भी ।

लगे हैं यार सब आँखे चुराने ।।

---नवीन मणि त्रिपाठी मौलिक अप्रकाशित

Views: 414

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Naveen Mani Tripathi on August 21, 2018 at 12:21pm

आ0 लक्ष्मण धामी साहब तहे दिल से शुक्रिया ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on August 21, 2018 at 12:21pm

आ0 कबीर सर सादर नमन । इस महत्वपूर्ण इस्लाह हेतु हार्दिक आभार सर ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 20, 2018 at 9:43pm

आ. भाई नवीन जी, सादर अभिवादन । सुंदर गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Samar kabeer on August 20, 2018 at 5:41pm

जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है,बधाई स्वीकार करें ।

हमारे फख्र की ये इन्तिहाँ है'

इस मिसरे में 'इन्तिहाँ' को "इन्तिहा" कर लें ।

' शिकायत दर्ज जब दिल में कराया'

इस मिसरे में ऐब-ए-तनाफ़ुर देखें,और शिल्प भी,मिसरा यूँ कर सकते हैं:-

'शिकायत दर्ज की जब दिल में हमने'

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"धन्यवाद आ. गुरप्रीत भाई. आपसे शिक़ायत यह है कि हमें आपकी ग़ज़लें पढ़ने को नहीं मिल रही…"
17 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. समर सर की इस्लाह से तक़ाबुल ए रदीफ़ दूर हो गया है.शेर अब यूँ पढ़ा जाए .कड़कना बर्क़ का चर्बा…"
19 minutes ago
Gurpreet Singh jammu replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"वाह वाह वाह आदरणीय निलेश सर, बहुत समय बाद आपकी अपने अंदाज़ वाली ग़ज़ल पढ़ने को मिली। सारी ग़ज़ल…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. लक्ष्मण जी,वैसे तो आ. तिलकराज सर ने विस्तार से बातें लिखीं हैं फिर भी मैं थोड़ी गुस्ताखी करना…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"शुक्रिया आदरणीय लक्ष्मण धामी जी"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"बहुत शुक्रिया आदरणीय तिलकराज कपूर जी, मैं सुधारने की कोशिश करता हूँ।"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय निलेश जी फिलबदी है, कल आपकी ग़ज़ल में टिप्पणी के बाद लिखा है।"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. शिज्जू भाई,जल्दबाज़ी में मतले को परिवर्तित करने के चलते अभी संभावनाएं बन रही हैं कि समय के साथ…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"धन्यवाद आ. तिलकराज सर,आपकी विस्तृत टिप्पणी ने संबल मिला है.मैं स्वयं के अशआर को बहुत कड़ी परीक्षा से…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"धन्यवाद आ. लक्षमण धामी जी "
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"श्रद्धेय श्री तिलक राज कपूर जी, आप नाचीज़ की ग़ज़ल तक  पहुँचे, आपका अतिशय आभार, …"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' ग़ज़ल तक आप आये और अपना बहुमूल्य समय दिया, आपका आभारी…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service