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लघुकथा- " छद्म- संवेदना"/ अर्पणा शर्मा, भोपाल


"मैं कैसे अपने गहन दुःख का इज़हार करूँ । मेरे पिताजी की तबियत अत्यंत खराब है। करीब दस दिनों से आई.सी.यू.में भर्ती हैं । आप सभी की प्रार्थनाओं और दुआओं की बहुत जरूरत है। आपके संबल से ही हम इस मुश्किल समय से उबर पाएँगे  "

अत्यंत मार्मिक शब्दों से भरा फेसबुक पर अपना स्टेटस अपड़ेट करने के बाद कुणाल उस पर मिल रहे लाईक्स पर अपना धन्यवाद और प्रार्थनाओं, दुआओं से भरे संदेशों का उत्तर देने में व्यस्त होगया। ना जाने कितनी देर वह ऑनलाइन बैठा ख़ैरियत पूछने वालों को अपने पिताजी की तबियत के हालचाल बताता रहा।

तभी कुछ समय बाद वृद्धाश्रम के मैनेजर का फोन आया -
"  आपके पिताजी अब नहीं रहे, वे आपकी बाट जोहते- जोहते आपको ही याद कर रहे थे !!"

मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on July 29, 2018 at 2:18pm

बहुत ही सही ढंग से और कटु सत्य का यथार्थ चित्रण किया है आदरणीया...बधाई

Comment by Arpana Sharma on July 27, 2018 at 8:02pm

 आ. जनाब समर जी, श्रीमान् श्याम नारायण जी जी, श्रीमान् आशुतोष जी एवं आदरणीया नीलम जी- आप सभी का सादर आभार।

Comment by Neelam Upadhyaya on July 27, 2018 at 12:28pm

आदरणीया अर्पणा  शर्मा जी, अच्छी लघुकथा की प्रस्तुति के लिए  बधाई स्वीकार करें । 

 
 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on July 26, 2018 at 4:34pm

आदरणीया अर्पणा जी आपकी यह लघु कथा बेहद पसंद आई रचना पर हार्दिक बधाई सादर 

Comment by Shyam Narain Verma on July 25, 2018 at 2:47pm
सुन्दर लघु कथा के लिये बधाई । सादर.
Comment by Samar kabeer on July 25, 2018 at 11:52am

मुहतरमा अर्पणा शर्मा जी आदाब,अच्छी लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Arpana Sharma on July 24, 2018 at 10:46pm

बहुत धन्यवाद तेजवीर जी एवं बबीता जी।

विनम्र अनुरोध है कि   आप दोनों ही कृपया मेरे नाम की सही वर्तनी "अर्पणा " लिखें तो मुझे अत्यंत ही प्रसन्नता होगी।

Comment by TEJ VEER SINGH on July 24, 2018 at 9:24pm

हार्दिक बधाई आदरणीय अपर्णा शर्मा जी। अच्छी लघुकथा।

Comment by babitagupta on July 24, 2018 at 7:00pm

बेहतरीन रचना के माध्यम से अधिकांशतः परिवार की व्यवस्था का वास्तविक आईना प्रस्तुत करती लघुकथा. बधाई स्वीकार कीजियेगा आदरणीया अपर्णा दी.

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