For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

फ़ीडिंग और फ़ीडबैक (लघुकथा)

दुकान के चबूतरे पर चारों मित्र एकदम चौंकते हुए खड़े होकर अपने-अपने धर्म के सिखाये मुताबिक़ कुछ उच्चारण करते हुए अर्थी में ले जाये रहे मृतक को नमन कर श्रद्धांजलि देने लगे।


"ओह, इनके घरवालों को यह सदमा बरदाश्त करने की शक्ति दे! इन्हें स्वर्ग में स्थान दे!" अशरफ़ ने आसमान की ओर देखते हुए कुछ ऐसा ही उच्चारित किया।


"अबे, तू तो हमेशा उर्दू-अरबी में कुछ बोलता है न मय्यत पर! जन्नतनशीं और तौफ़ीक़ जैसे लफ़्ज़ों में!" रामलाल ने उसे टोक ही दिया।


"दरअसल तुम्हारे 'स्वर्ग' और हमारे यहां की 'जन्नत' की थ्योरियों में काफ़ी फर्क़ है!"


यह जवाब सुनकर बाकी साथियों की त्योरियाँ चढ़ गईं। लेकिन जवाब में सम्प्रेषित साम्प्रदायिकता के मद्देनज़र वे चुप रहे। केवल एक तीसरा साथी कुछ पल बाद बोल ही पड़ा - "हवाओं के असरात हैं, क़िताबों की फ़ीड यहां बहस से डिलीट नहीं की जा सकती!"


(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 537

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on July 1, 2018 at 12:30am

मेरी इस लघुकथा अभ्यास पोस्ट पर समय देकर अपने विचार/राय सांझा करते हुए मेरी हौसला अफ़ज़ाई करने के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी, जनाब समर कबीर साहिब, जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब, आदरणीय महेंद्र कुमार जी और आदरणीया नीलम उपाध्याय जी।

Comment by Mahendra Kumar on June 26, 2018 at 10:12pm

बढ़िया लघुकथा है आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी। हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। 

"ओह, इनके घरवालों को यह सदमा बरदाश्त करने की शक्ति दे! इन्हें स्वर्ग में स्थान दे!"// क्या इसे इस तरह किया जा सकता है? “ओह, इनके घरवालों को यह सदमा बरदाश्त करने की ताक़त बख़्श दे! इन्हें जन्नत तौफ़ीक़ कर!” देख लीजिएगा। सादर। 

Comment by Neelam Upadhyaya on June 26, 2018 at 2:20pm

आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी  जी, नमस्कार एवं बधाई अच्छी लघुकथा की प्रस्तुति के लिए ।     

Comment by Mohammed Arif on June 26, 2018 at 1:47pm

आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,

                                       बहुत ही सशक्त और कटाक्षपूर्ण लघुकथा । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Samar kabeer on June 26, 2018 at 12:21pm

जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,उम्दा लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by TEJ VEER SINGH on June 26, 2018 at 6:07am

हार्दिक बधाई आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी।बेहतरीन संदेश प्रद लघुकथा।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
58 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
14 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
yesterday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  रीति शीत की जारी भैया, पड़ रही गज़ब ठंड । पहलवान भी मज़बूरी में, पेल …"
yesterday
आशीष यादव added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला पिरितिया बढ़ा के घटावल ना जाला नजरिया मिलावल भइल आज माहुर खटाई भइल आज…See More
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Nov 17

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service