For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुछ क्षणिकाएं(6) :

कुछ क्षणिकाएं(6) :

1

नैनों का मौन
आमंत्रण
परिणाम
अभ्यंतर में

हुआ आभूषित
मौन
समर्पण

...................

2
पलकों के घरौंदों में
स्वप्न बोलते हैं
नैन
प्रभात में
यथार्थ
तौलते हैं

........................

3

चलो
हो गई मुलाकात
स्पर्शों की आंधी में
बीत गयी रात
हो गई प्रभात

............................

4

प्रेम
मौन अभिव्यक्ति
चिर प्रतीक्षित
मधुर
आसक्ति

.............................

5

एकांत
अनुरंजित
शयन द्वार पर
नूपुर
अनुरणन से

..........................

6

नयनों के तीर
अलि सी
विचरण करती
विरहन की
पीर

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 472

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by narendrasinh chauhan on June 21, 2018 at 7:45pm

लाजवाब रचनाए

Comment by Sushil Sarna on June 21, 2018 at 1:00pm

आदरणीय नीलम उपाध्याय जी सृजन को अपनी मनोहारी प्रतिक्रिया से मान देने का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on June 21, 2018 at 12:59pm

आदरणीया बबितागुप्ता जी सृजन आपकी मधुर प्रशंसा का आभारी है।

Comment by Sushil Sarna on June 21, 2018 at 12:59pm

आदरणीय गुमनाम पिथौरगढ़ी जी सृजन अपनी वाह से मान देने का दिल से आभार

Comment by Sushil Sarna on June 21, 2018 at 12:59pm

आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब .... आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से सृजन सार्थक हुआ। हार्दिक आभार। ईद मुबारक सर।

Comment by Neelam Upadhyaya on June 20, 2018 at 3:06pm

अच्छी रचना  की प्रस्तुति पर बधाई  स्वीकार करें आदरणीय सुशिल सरना जी।     

Comment by babitagupta on June 20, 2018 at 1:25pm

बेहतरीन रचना के लिए बधाई स्वीकार कीजिएगा आदरणीय सरजी.

Comment by gumnaam pithoragarhi on June 19, 2018 at 6:51pm

वाह बहुत खूब,,,,

Comment by Samar kabeer on June 19, 2018 at 6:24pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब,उम्दा क्षणिकाएँ लिखीं आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
11 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
11 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
11 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
11 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
11 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
11 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद,  आज़ाद तमाम भाई ग़ज़ल को समय देने हेतु !"
11 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय तिलक राज कपूर साहब,  आपका तह- ए- दिल आभारी हूँ कि आपने अपना अमूल्य समय देकर मेरी ग़ज़ल…"
11 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"जी आदरणीय गजेंद्र जी बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
12 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीया ऋचा जी ग़ज़ल पर आने और हौसला अफ़जाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
12 hours ago
Chetan Prakash commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय गिरिराज भंडारी जी । "छिपी है ज़िन्दगी मैं मौत हरदम वो छू लेगी अगर (…"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service