आदरणीय साथिओ,
Tags:
Replies are closed for this discussion.
आदरणीय ओमप्रकाश जी, मेरी लघु कथा की सराहना के लिए ह्रदय तल से आभार |
उम्दा लघुकथा कही है आ० ब्रजेन्द्र कुमार मिश्र जी, हार्दिक बधाई प्रेषित है.
//अहिल्या जानती थी कि साहब के यहां नवरात्र में दुर्गा जी की पूजा होती है। आज उसी की पूर्णाहुति पर कुंवारी कन्याओं को भोजन कराया जाता है। उसके बाद दक्षिणा के रूप में उपहार भी दिया जाता है।//
इस लघुकथा में उपरोक्त पंक्तियाँ अनावश्यक हैं, ऐसे स्पष्टीकरण की कोई आवश्यकता नहीं थी.
//"थोडा सा उजाला दे दूंगी।"//
इस संवाद का क्या औचित्य है? अहिल्या आखिर किस तरह का उजाला अपनी बेटी को देना चाहती है? यह "कथ्य" तो उत्तम है लेकिन इसकी विश्वसनीयता हेतु "तथ्य" का कुशन बहुत ज़रूरी है, वर्ना यह संवाद महज़ बतकहनी बन कर रह जायेगा. सादर.
हार्दिक बधाई आदरणीय बृजेंद्र नाथ मिश्रा जी। सुंदर एवम संदेश प्रद लघुकथा
आदरणीय तेजवीर सिंह जी, मेरी लघु कथा पर समय देने के आभार| आपके सराहना के शब्द मुझे इस विधा में और भी रचनाएं लिखने के लिए प्रेरित करते रहेंगे|
आदरणीय योगराज जी, आपने मेरी लघुकथा ध्यान पूर्वक पढ़ी, यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है | आपके सुझाव पर अवश्य ध्यान दूंगा | सादर|
आदरणीय तस्दीक भाई, रचना के सकारात्मक अनुमोदन के ह्रदय तल से आभार !
आदरणीया अर्चना जी, रचना की सकारात्मक प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार !
वाह ,नवरात्री पूजन का अच्छा प्रतीक लेकर सृजन किया है , हार्दिक बधाई आदरणीय ब्रजेन्द्र नाथ जी
आदरणीया प्रतिभा जी, रचना की प्रशंसा के लिए ह्रदय तल से आभार !
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |