For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गजल(कुछ भी कह पाना है मुश्किल)

कुछ भी कह पाना है मुश्किल
चुप भी रह जाना है मुश्किल।1

जो बात बयारों की करते
उनको समझाना है मुश्किल।2

वे अक्स छुपाये चलते हैं
पहचान बताना है मुश्किल।3

इतिहास गढ़ा भी जाता है
इतिहास मिटाना है मुश्किल।4

वे काँटे खूब बिछा सकते
बस पीर घटाना है मुश्किल।5

अरमां की लूट मची रहती
हाँ, ख्वाब सजाना है मुश्किल।6
'मैलिक व अप्रकाशित'

Views: 531

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 8, 2017 at 11:38am

आ. भाई मनन जी एक अच्छी गज़ल के लिये हार्दिक बधाइ l

Comment by Manan Kumar singh on May 8, 2017 at 6:59am
आभारी हूँ आ.सतविंदर जी।
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on May 7, 2017 at 2:59pm
आदरणीय मनन भाई जी,बेहद खूबसूरत बातें कही हैं आपने इन अशआर के मार्फत।हार्दिक बधाई।
Comment by Manan Kumar singh on May 6, 2017 at 9:31am
आदरणीय गिरिराज भाई,नमन एवं आभार!
Comment by Manan Kumar singh on May 6, 2017 at 9:30am
आदरणीय आरिफ जी,आदाब एवं शुक्रिया!
Comment by Manan Kumar singh on May 6, 2017 at 9:29am
आदरणीय समर जी,आदाब व शुक्रिया!

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 5, 2017 at 8:27pm

आदरनीय मनन भाई , एक अच्छी गज़ल के लिये हार्दिक बधाइयाँ ।

Comment by Mohammed Arif on May 5, 2017 at 5:40pm
आदरणीय मनन कुमार जी आदाब, बेहतरीन ग़ज़ल , लाजवाब ग़ज़ल । शे'र दर शे'र दिली मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए । ग़ज़ल की बह्र नहुं लिखी, शायद आप भूल गये ।
Comment by Samar kabeer on May 5, 2017 at 2:58pm
जनाब मनन कुमार सिंह जी,अच्छी ग़ज़ल है, बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"जी सहृदय शुक्रिया आदरणीय इस मंच के और अहम नियम से अवगत कराने के लिए"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आपका सुधार श्लाघनीय है। सादर"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। सादर"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। सादर"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय इस मंच पर न कोई उस्ताद है न कोई शागिर्द। यहां सभी समवेत भाव से सीख रहे हैं। यहां गुरु चेला…"
4 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई आदरणीय रिचा जी बधाई स्वीकार करें"
5 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service