For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अशफाक-मंगल औ भगत को मत भुलाना तुम ( बैजनाथ शर्मा ‘मिंटू’)

अरकान-  1222  1222  1222  1222 

 

मुहब्बत में सनम हरदम न मुझको आजमाना तुम|

अकेलापन सताता है कि वापस आ भी जाना तुम|

 

मुहब्बत खेल है बच्चों का शायद तुम समझते हो,

अगर घुट-घुट के मरना है तो फिर दिल को लगाना तुम,

 

वतन के नाम कर देना जवानी-ऐशोइशरत औ

कटा देना ये सर अपना मगर सर मत झुकाना तुम|

 

कफस में डाल के दुश्मन को मौका और मत देना ,

उड़ा के सर ही दुश्मन का धरम अपना निभाना तुम|

 

मुहब्बत धार है तलवार की चलना संभल के दोस्त,

नसीहत मान बस मेरी कि दिल को मत लगाना तुम,

 

भले ही याद मत करना कभी बापू व नेहरू को,

मगर अशफाक-मंगल औ भगत को मत भुलाना तुम|

 

अगर औलाद भी तेरा वतन गद्दार हो जाए,

मिटा देना उसे ‘मिंटू’ नही रिश्ता निभाना तुम|

 

 

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 627

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 28, 2017 at 10:29pm
अच्छी ग़ज़ल हुई..हार्दिक बधाई
Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on March 26, 2017 at 7:19pm

आदरणीय आरिफ़ साहेब  ....हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया मोहतरम 

Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on March 26, 2017 at 7:18pm

आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह जी ....हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया |

Comment by Mohammed Arif on March 24, 2017 at 10:32pm
आदरणीय बृजनाथ जी आदाब,देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई ।
Comment by नाथ सोनांचली on March 24, 2017 at 4:14pm
आदरणीय बृजनाथ शर्मा जी सादर अभिवादन, बहुत उम्दा देशभक्ति से ओतप्रोत ग़ज़ल, के लिए बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई।"
Tuesday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service