For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उसकी ज़रूरत (लघुकथा)

उसके मन में चल रहा अंतर्द्वंद चेहरे पर सहज ही परिलक्षित हो रहा था। वह अपनी पत्नी के बारे में सोच रहा था, “चार साल हो गए इसकी बीमारी को, अब तो दर्द का अहसास मुझे भी होने लगा है, इसकी हर चीख मेरे गले से निकली लगती है।“

 

और उसने मुट्ठी भींच कर दीवार पर दे मारी, लेकिन अगले ही क्षण हाथ खींच लिया। कुछ मिनटों पहले ही पत्नी की आँख लगी थी, वह उसे जगाना नहीं चाहता था। वह वहीँ ज़मीन पर बैठ गया और फिर सोचने लगा, “सारे इलाज कर लिये, बीमारी बढती जा रही है, क्यों न इसे इस दर्द से हमेशा के लिए छुटकारा...? नहीं... लेकिन...”

 

और उसने दिल कड़ा कर वह निर्णय ले ही लिया, जिस बारे में वह कुछ दिनों से सोच रहा था।

 

घर में कोई और नहीं था, वह चुपचाप रसोई में गया, पानी का गिलास भरा और अपनी जेब से कुछ दिनों पहले खरीदी हुई ज़हर की पुड़िया निकाली। पुड़िया को देखते ही उसकी आँखों में आंसू तैरने गये, लेकिन दिल मज़बूत कर उसने पानी में ज़हर डाल दिया और एक चम्मच लेकर कांपते हाथों से उसे घोलने लगा।

 

रसोई की खिड़की से बाहर कुछ बच्चे खेलते दिखाई दे रहे थे, उनमें उसका पोता भी था, वह उन्हें देखते हुए फिर पत्नी के बारे में सोचने लगा, “इसकी सूरत अब कभी... इसके बिना मैं कैसे रहूँगा?”

 

तभी खेलते-खेलते एक बच्चा गिर गया और उस बच्चे के मुंह से चीख निकली। चीख सुनते ही वह गिलास फैंक कर बाहर भागा, और पोते से पूछा, "क्या हुआ बेटा?"

 

पोते ने उसे आश्चर्य से देखा, क्योंकि पोता तो गिरा ही नहीं था, अलबत्ता गिलास ज़रूर वाशबेसिन में गिर कर ज़हरीले पानी को नाली में बहा चुका था।

 

और वह भी चैन की सांस लेकर अंदर लौट आया।

(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 623

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on March 29, 2017 at 10:47pm

आदरणीय डॉ. आशुतोष जी मिश्रा, आदरणीय तेजवीर सिंह जी सर, आदरणीय मोहम्मद आरिफ साहब, आदरणीया नीता कसार जी, आदरणीय महेंद्र कुमार जी, आप सभी का हार्दिक आभारी हूँ, आपको यह प्रयास ठीक लगा और इस प्रयास पर टिप्पणी कर आप सभी ने मेरा उत्साहवर्धन किया| सादर, 

Comment by Mahendra Kumar on March 7, 2017 at 10:21pm
अच्छी लघुकथा है आ. चंद्रेश जी। हार्दिक बधाई। सादर।
Comment by Nita Kasar on March 7, 2017 at 2:53pm
जीवन में एेसे क्षण व्यक्ति के क़दमों को डगमगाते है।पर बच्चे की सूरत सार्थक सोच की प्रेरणा देती है बधाई आपको आद० चंद्रेश छतलानी जी ।
Comment by Mohammed Arif on March 6, 2017 at 10:57pm
वाह!वाह!!बहुत ख़ूब । क्या बढ़िया लघुकथा लिखी है आपने आदरणीय चंद्रेश जी । बधाई स्वीकार करें ।
Comment by TEJ VEER SINGH on March 6, 2017 at 7:27pm

हार्दिक बधाई आदरणीय चंद्रेश जी।बहुत शानदार लघुकथा।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on March 6, 2017 at 4:20pm

आदरणीय चंद्रेश जी  अच्छी लघु कथा लिखी है आपने . मौत को गले लगाना कायराना है / कितने ही फर्ज हैं दुनिया में निभाने के लिए .होली की हार्दिक शुभकामनाये और रचना पर ढेर सारी बधायी सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"जय हो.. "
43 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह .. एक पर एक .. जय हो..  सहभागिता हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय अशोक…"
44 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या बात है, आदरणीय अशोक भाईजी, क्या बात है !!  मैं अभी समयाभाव के कारण इतना ही कह पा रहा हूँ.…"
45 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुतियों पर विद्वद्जनों ने अपनी बातें रखी हैं उनका संज्ञान लीजिएगा.…"
48 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी सहभागिता के लि हार्दिक आभार और बधाइयाँ  कृपया आदरणीय अशोक भाई के…"
51 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाई साहब, आपकी प्रस्तुतियाँ तनिक और गेयता की मांग कर रही हैं. विश्वास है, आप मेरे…"
53 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, इस विधा पर आपका अभ्यास श्लाघनीय है. किंतु आपकी प्रस्तुतियाँ प्रदत्त चित्र…"
57 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश भाईजी, आपकी कहमुकरियों ने मोह लिया.  मैंने इन्हें शमयानुसार देख लिया था…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार.…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय मिथिलेश जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार.…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"    प्रस्तुति की सराहना हेतु हृदय से आभार आदरणीय मिथिलेश जी. सादर "
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service