For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्यों करते
खुदकी वाह वाही
होती उसकी
फिर बुराई
माना बहुत कुछ
जान गये हो
खुद को भी
पहचान गये हो
न इतना
गुमान करो
खुद का खुद
सम्मान हरो
अच्छे हो
जानो खुदको
इन्सां हो
मानो खुदको ।
चलो भले
अपनी ही चाल
न खींचों
दूसरों की खाल
धीरे धीरे
चलना है
दौड़ना नहीं
बस चलना है ।
जय हो जय हो
का नारा छोड़ो
स्व तारीफ़ से
नाता तोडो ।
एक दिन
पेड़ क्या
बन जाओगे
ज़मीन पर
से क्या
उठ जाओगे
आसमां का
सपना देखो
आईने में
चेहरा देखो ।
इंसान हो
न भूलो कभी
अच्छाई से
न भागो कभी ।
आये हो
वैसे ही जाना होगा
अपना हिसाब
सब यहीं चुकाना होगा ।

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 698

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 5, 2016 at 8:42pm

धन्यवाद आदरणीय सुरेश कुमार जी |

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 5, 2016 at 8:41pm

धन्यवाद् आदरणीय गिरिराज सर जी |

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on October 4, 2016 at 12:26pm
मानव के जीवन दर्शन पर आधारित सुन्दर रचना के लिए हार्दिक बधाई आदरणीया कल्पना भट्ट जी।सादर ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 2, 2016 at 12:39pm

आदरणीया कल्पना जी , अच्छी कविता रची है आपने , हार्दिक बधाई आपको ।

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 1, 2016 at 8:16pm
आदाब जनाब समर साहब। आपको रचना पसंद आई सार्थक हुई यह कोशिश मेरी । बहुत बहुत शुक्रिया ।
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 1, 2016 at 8:15pm
धन्यवाद आदरणीय शिज्जु भैया ।
Comment by Samar kabeer on October 1, 2016 at 2:49pm
मोहतरमा कल्पना भट्ट साहिबा आदाब,बढ़िया कविता लिखी आपने बधाई स्वीकार करें ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 1, 2016 at 1:29pm

आ. कल्पना दीदी अच्छी रचना हुई है बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on September 30, 2016 at 6:25pm
धन्यवाद आदरणीय कालीपद प्रसाद जी ।
Comment by Kalipad Prasad Mandal on September 30, 2016 at 5:21pm

सांसारिक सत्य की ओर  इशारा करती आपकी कविता की अभिव्यक्ति बहुत सुन्दर है |आ कल्पना जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना कि कुछ तो परदा नशीन रखना।कदम अना के हजार कुचले,न आस रखते हैं आसमां…See More
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ओबीओ द्वारा इस सफल आयोजन की हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
yesterday
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"बहुत सुंदर अभी मन में इच्छा जन्मी कि ओबीओ की ऑनलाइन संगोष्ठी भी कर सकते हैं मासिक ईश्वर…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion

ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024

ओबीओ भोपाल इकाई की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी, दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, शिवाजी…See More
Sunday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय जयनित जी बहुत शुक्रिया आपका ,जी ज़रूर सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से जानकारी…"
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिया आ सुकून मिला अब जाकर सादर 🙏"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service