For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

Views: 71902

Reply to This

Replies to This Discussion

आ० भाई सौरभ जी , इस उपलब्धि के लिए कोटि कोटि बधाई. यह मेरी कमनसीबी है की इस सुखद समाचार  से मैं देर से रूबरू हुआ .

आ० भाई सौरभ जी , इस उपलब्धि के लिए कोटि कोटि बधाई. यह मेरी कमनसीबी है की इस सुखद समाचार  से मैं देर से रूबरू हुआ .

दिल से बधाई आदरणीय सौरभ जी।

आपकी शुभकामनाओं के लिए हृदयतल से धन्यवाद, आदरणीया राजेश कुमारीजी. 

सादर

परम आदरणीय सौरभ जी
हार्दिक अभिनन्दन सहित ढेरों बधाई एवं अशेष शुभकामनायें

आदरणीय सत्यनारायणभाई, आपकी शुभकामनाओं से आप्लावित हूँ .

सादर

आदरणीय सौरभ जी बहुत बुहुत बधाई इस उपलब्धि पर

आदरणीय धर्मेन्द्र भाई, हार्दिक धन्यवाद 

आदरणीय सौरभ जी, साहित्य-सर्जन-शिखर सम्मान से आपके अलंकृत होने का समाचार कितना सुखद और ओबीओ के लिए कितना गौरवप्रद है यह तो सभी की प्रतिक्रिया से स्पष्ट है. आपकी यह उपलब्धि इस मंच के लिए आने वाले उज्ज्वल भविष्य का सूचक है. अपनी अपार कर्मव्यस्तता के साथ साहित्य-सेवा के लिए निरंतर समय निकालना कितना दुष्कर है यह उन्हीं को मालूम है जो इस चेष्टा में रत हैं. इस सम्मान से आपकी साहित्यिक प्रतिभा को जो स्वीकृति मिली है उससे परे उन साहित्य प्रेमियों को प्रेरणा मिलती है जो साहित्य मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पाने की लालसा से मंदिर के चौखट पर माथा टेक सकने का अवसर मिलने पर ही धन्य हो जाते हैं. आप इसी तरह रचना संसार में "सौरभ" बिखेरते रहें,ओबीओ के साथ हम सभी को गौरव और प्रेरणा मिलती रहे...जीवन के कठिन क्षणों में भी कैसे जीवन जिया जाता है- युवा रचनाकारों को दिशानिर्देश मिलता रहे. व्यक्तिगत रूप से मेरी और कुंती जी की ओर से अशेष अभिनन्दन. सादर.

आदरणीय शरदिन्दु जी, 

आपकी सदाशयता से मन-प्राण पुलकित है. अपने हृदयतल की भावनाओं को जिस आत्मीयता से आपने साझा किया है, वह मेरे लिए सदैव उत्प्रेरक का कार्य करेंगे. आदरणीय, इस पटल के सभी सक्रिय, संवेदनशील, अभ्यासी सदस्य मुझसे भी अधिक मेहनत कर रहे हैं. यह इस पटल ओबीओ से मिला मार्गदर्शन ही है कि हम आज साहित्य-जगत के परिसर में स्वीकार्य हो रहे हैं ! वह भी बिना किसी तथाकथित ’वाद’ को अंगीकार किये ! यही अपनी ताकत भी है.

आपको तथा आदरणीया कुन्तीजी को मेरी ओर से सादर धन्यवाद प्रेषित है. आप दोनों का स्नेह और सान्निध्य अनवरत बना रहे. 

सादर

आदरणीय उमेश कटारा जी,

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...

आदरणीय मदनलाल श्रीमाली जी, 

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बहुत सुंदर अभिव्यक्ति हुई है आ. मिथिलेश भाई जी कल्पनाओं की तसल्लियों को नकारते हुए यथार्थ को…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश भाई, निवेदन का प्रस्तुत स्वर यथार्थ की चौखट पर नत है। परन्तु, अपनी अस्मिता को नकारता…"
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार ।विलम्ब के लिए क्षमा सर ।"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया .... गौरैया
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी । सहमत एवं संशोधित ।…"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .प्रेम
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभार आदरणीय"
Monday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .मजदूर

दोहा पंचक. . . . मजदूरवक्त  बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सुशील सरना जी मेरे प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Monday
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक मधुर प्रतिक्रिया का दिल से आभार । सहमत एवं…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service