आदरणीय साहित्य प्रेमियो,
सादर अभिवादन ।
महा-उत्सव के नियमों में कुछ परिवर्तन किये गए हैं इसलिए नियमों को ध्यानपूर्वक अवश्य पढ़ें |
पिछले 42 कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने विभिन्न विषयों पर बड़े जोशोखरोश के साथ बढ़-चढ़ कर कलमआज़माई की है. जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तीक्ष्ण करने का अवसर प्रदान करता है. इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है :
"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-43
विषय - "नेताजी "
आयोजन की अवधि- शनिवार 10 मई 2014 से रविवार 11 मई 2014 की समाप्ति तक
(यानि, आयोजन की कुल अवधि दो दिन)
तो आइए मित्रो, उठायें अपनी कलम और दिए हुए विषय को दे डालें एक काव्यात्मक अभिव्यक्ति. बात बेशक छोटी हो लेकिन ’घाव करे गंभीर’ करने वाली हो तो पद्य- समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए.आयोजन के लिए दिये विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित रचना पद्य-साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते हैं. साथ ही अन्य साथियों की रचना पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं.
उदाहरण स्वरुप पद्य-साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं --
तुकांत कविता
अतुकांत आधुनिक कविता
हास्य कविता
गीत-नवगीत
ग़ज़ल
हाइकू
व्यंग्य काव्य
मुक्तक
शास्त्रीय-छंद (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका आदि-आदि)
अति आवश्यक सूचना :-
सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर एक बार संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.
आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है.
इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से स्माइली अथवा रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फाण्ट में टिप्पणियाँ करना, एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 10 मई 2014 दिन शनिवार लगते ही खोल दिया जायेगा)
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महा-उत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
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मंच संचालिका
डॉo प्राची सिंह
(सदस्य प्रबंधन टीम)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम.
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शुक्रिया आदरणीय योगराज सर ...
आ.नादिर खान जी सादर,
प्रदत्त विषय को परिभाषित करती प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय
बहुत शुक्रिया... आ. सत्यनारायन जी
सामान्यजन की विवशता और उसकी परिस्थितियों के सापेक्ष आजके राजनीतिबाजों की असंवेदनशीलता को सामने लाने का बेहतर प्रयास हुआ है, नादिरभाई. इसके लिए बधाई स्वीकार करें.
वैसे, मेरे विचार के अनुसार, जिससे आप सहमत न भी हों, कि अतुकान्त कविताओं के हिसाब से प्रस्तुत कविता को तनिक और कसा हुआ होना चाहिए था. यह अवश्य है कि जनवादी विचारधारा को रचना बनने के क्रम में विपुल शाब्दिकता की आवश्यक होती है लेकिन प्रस्तुत कविता जनवादी गीत न हो कर एक वैचारिक प्रस्तुति है. कृपया इस अंतर को समझेंगे.
प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाइयाँ
आदरणीय सौरभ सर नसीहत के लिए आपका आभार ... सहमत न होने का प्रश्न ही नहीं उठता,आपने सही कहा है ।
कुछ कुछ समझ आ रहा है, अभी दिल्ली दूर है सीखने का प्रयास जारी है और प्रयास जारी रहेगा ।
बहुत शुक्रिया बहुमूल्य विचारों के लिए ...
हार्दिक धन्यवाद भाईजी.
सशक्त अतुकांत रचना के लिए बधाई...............
ज़र्रानवाजी के लिए आपका बहुत शुक्रिया आदरणीय अरुण जी ।
बहुत खूब आदरणीय नादिर भाई आज की हकीकत यही है बहुत बहुत बधाई इस रचना के लिये
आदरणीय शिज्जु जी, आपने कोशिश को सराहा बहुत शुक्रिया आपका ..
आज के चुनावी दौर में आम आदमी की स्थिति को संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करती सुन्दर अभिव्यक्ति
हार्दिक बधाई आ० नादिर खान जी
विषय के अनुरूप सुंदर और सार्थक कविता के लिए आपको हार्दिक बधाई आदरणीय नादिर खान जी
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
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