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खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
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आदरणीय  अलबेला जी 

विश्वाश नहीं होता 

विनम्र श्रदांजली 

भुलाना चाहे  भी कोई ना तुम्हें भुला पायेगा 

जो लिखा जो गाया आपने संसार भुला न पायेगा 

सादर 

हम सब परमात्मा से प्रार्थना करता हूँ, उनकी दिवंगत आत्मा को चिर शांति प्रदान करे एवं उनके पारिवारिक सदस्यों को इस विषम पर‍िस्थित में संयम प्रदान करे

रियली शोकिंग न्यूज़ है, यकीन करना मुश्किल हो रहा है । ईश्वर उनके परिजनों को सब्र की तौफीक दे ।

व्यक्तिगत परिचय नहीं था लेकिन ओ.बी.ओ. की पारिवारिक सभाओं में प्राय: अलबेला जी की गूंज मुझे और कुंती को आकर्षित करती थी. इस प्रकार अलबेले अंदाज़ में उनका चले जाना ......!! हमारी श्रद्धांजलि.

दुखद समाचार! ईश्वर अलबेला जी की आत्मा को शांति दें l 

अभी कुछ देर पहले एक दुखद सूचना प्राप्त हुई है कि हमारे एक वरिष्ठ साथी नौजवान ऊर्जस्वी कवि भाई संजय मिश्रा हबीब जी का एक सड़क दुर्घटना में देहांत हो.गया है. इस हौलनाक खबर से हम सब सकते में हैं, न कुछ समझ ही आ रहा है. भरे मन से केवल यही प्रार्थना कर सकता हूँ की ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति दे... उन्हें अपने फरिश्तों में सहेज कर रखे.और उनके परिजनो को इस असीम दुःख को सहने की शक्ति दे.

कुछ समझ ही नहीं आ रहा 

इस तरह एक आत्मीय साथी का अचानक हम सबको छोड़ कर चले जाना...  यकीन नहीं होता 

ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति दे..अनके स्वजनों, परिवार जनों को इस शून्यता को सह पाने का संबल दे.

आह बहुत ही दुखद समाचार विश्वास ही नहीं हो रहा है, अश्रुपूरित श्रधांजलि ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें परिवारजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें.

अरे! विश्वास नहीं हो रहा!

पहले अलबेला जी और अब हबीब जी!

इस सदमे से उबरना कठिन होगा!

ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे!

यह पीड़ादायक समाचार सुन कर मन बहुत उदास है। भगवान  हबीब जी की आत्मा को शांति दें और

उनके परिवार को शक्ति दें।

ये दुखद समाचार जानने के बाद कुछ देर के लिये तो मैं स्तब्ध था कुछ कहते ही नही बना। पहले आदरणीय अल्बेला जी फिर आदरणीय संजय भाई, उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि,

ह्रदय विदारक .......... ! अत्यंत दुखद.......!
नहीं स्वीकारने योग्य!
काल की नियति दुखद है!

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