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" राम नाम ही सत्य है  " !! भजन !!

 

राम नाम ही सत्य है, बाकी सब है झूठा ।

जोडी माया कुटुम्ब बनाया, एक पल मे सब छूटा ।

 

तिनका तिनका कर के जोडा, गया न तिनका साथ मे ।

धरे रहे सब महल आटारी , लगा  न कुछ भी हाथ मे ।

शीश महल सपनो का तेरे, एक पल मे सब टूटा ।।

जोडी माया कुटुम्ब बनाया,  एक पल मे सब छूटा ।

 

दुध मलाई चन्दन घिसकर, तन तूने चमकाया ।

अपने अंतर मन के मैल को, तूने नही हटाया ।

तन घडा कच्ची मिट्टी का, एक ठेस मे फूटा ॥

जोडी माया कुटुम्ब बनाया,  एक पल मे सब छूटा ।

 

तेरा मेरा करते करते उमर बीत गई तेरी ।

लूट लूट के भरी तिजोरी,मिटी भूख ना तेरी |

वक्त लुटॆरा आया ऐसा, एक पल मे सब लुटा ।

जोडी माया कुटुम्ब बनाया,  एक पल मे सब छूटा ।

 

जब तक तेरी काया है, तेरे रिश्ते नाते है ।

बन्द हुई जो तेरी आंखे, तुझको फूँक के आते है ।

कोई नही तेरा यहाँ पर, जब तन तेरा ही छूटा ।

जोडी माया कुटुम्ब बनाया,  एक पल मे सब छूटा ।

 

घूम घूम के मन्दिर मन्दिर, तूने ध्यान लगाया ।

पर घर मे माँ-बाप को तूने, पानी भी न पिलाया ।

हरि मिले न स्वर्ग मिले जब, हो दिल माँ-बाप का टूटा ॥

जोडी माया कुटुम्ब बनाया,  एक पल मे सब छूटा ।

 

भरा खजाना तेरा फिर भी, साधु भूखा आया  ।

छ्प्पन भोग तेरी थाली मे, पर तू भी खा ना पाया ।

छाया मिले न फल मिले, तो किस काम का बूटा ।

जोडी माया कुटुम्ब बनाया,  एक पल मे सब छूटा ।

  

ताकत  के नशे मे तुने, इस सत्य को ठुकराया  ।

अजर अमर कोई नही है, ये बात समझ ना पाया ।

देख सामने अपने काल को, तेरा भ्रम ये टुटा ॥

जोडी माया कुटुम्ब बनाया,  एक पल मे सब छूटा ।

 

जपता रहा माया की माला, हरि को रहा तू भूला ।

क्रोध काम लालच स्वार्थ, के झूले मै तू झूला ॥

माया ठगनी के फेर मे, हरि से रहा तू रुठा ।

जोडी माया कुटुम्ब बनाया,  एक पल मे सब छूटा ।

पूजले अपने माँ-बाप को, हरि प्रसन्न हो जायेगा ।

थाम के उंगली हरिनाम की, भव सागर तर जायेगा ।

बात बसंत की तू मान ले , ये नुस्खा है अनूठा ।

राम नाम ही सत्य है, बाकी सब है झूठा ।

जोडी माया कुटुम्ब बनाया, एक पल मे सब छूटा ।

 

"मौलिक व अप्रकाशित"

बसंत नेमा  

 

 

 

 

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Replies to This Discussion

"हरि मिले न स्वर्ग मिले जब, हो दिल माँ-बाप का टूटा ॥"

और फिर ये

" पूजले अपने माँ-बाप को, हरि प्रसन्न हो जायेगा ।|"

यही संसार सार है . भजन भी और उसमें भाव की प्रधानता भी . बहुत सुन्दर वसंत जी .

आ0 विजय जी जय श्री राम .... भजन मे शमिल होने के लिये , धन्यवाद ...

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