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(१)

जिन्हें है जल्दी

अग्रिम श्रद्धांजलि

जाएँगें जल्दी

(२)

कैसे कहूँ मैं?

कैंसर पाँव छुए

जीता रह तू

(३)

सैकड़ों बच्चे

चुक गई ममता

नर्स हैरान

(४)

तुम हो साथ

जीवन है कविता

बच्चे ग़ज़ल

(५)

सूर्य के बोल

धरती की आवाज़

वर्षा की धुन

(६)

अँधेरा घना

तेरे साथ स्वर्ग है

नर्क वरना

 

(७)

प्रेम की बातें

झूठे हैं ग्रंथ सभी

सच्ची हैं आँखें

-------------------

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 351

Comment

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Comment by Ashok Kumar Raktale on May 31, 2013 at 10:57pm

आदरणीय धर्मेन्द्र जी सादर, बहुत सुन्दर हाइकु.सभी अच्छे हैं. सादर बधाई स्वीकारें.

Comment by annapurna bajpai on May 26, 2013 at 6:19pm

अदरणीय धर्मेंद्र जी बहुत बढ़िया हाइकू । बधाई

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 26, 2013 at 9:52am

आ0 धर्मेंद्र भाई जी,
प्रेम की बातें
झूठे हैं ग्रंथ सभी
सच्ची हैं आँखें... अतिसुन्दर हाईकू।.. बधाई स्वीकारें। सादर,

Comment by ram shiromani pathak on May 25, 2013 at 10:14pm

बहुत सुन्दर रचना, बधाई 

Comment by बृजेश नीरज on May 25, 2013 at 3:30pm

बहुत सुन्दर हाइकू! ढेरों बधाई!

//तुम हो साथ

जीवन है कविता

बच्चे ग़ज़ल//

 

//सूर्य के बोल

धरती की आवाज़

वर्षा की धुन//

इन दोनों के लिए विशेष तौर पर बधाई स्वीकारें!

 

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