For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साहित्य प्रेमियो,

सादर वन्दे |

किसी देश का भविष्य उसकी नयी पीढ़ी पर निर्भर करता है. हर देश के मूल समाज का अपना विशिष्ट जीवन शैली हुआ करती है जो उस भूमि के विशिष्ट संस्कारों से ही संचालित होती है. यही संस्कार उस देश की सभ्यता का वाहक होते हैं. अतः नागरिकों, विशेषकर युवाओं, का वैचारिक रूप से उस देश की परंपरा के अनुरूप संयत होना और उस देश की मूल सामाजिकता के अनुसार सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है. वैचारिक रूप से संयत समाज के युवा कभी छिछली जीवन शैली के प्रति आकर्षित नहीं हो सकते.

संस्कृति का मतलब उत्तम स्थिति है. मनुष्य बुद्धि के प्रयोग से अपने चारों ओर की प्राकृतिक परिस्थिति को निरन्तर सुधारता और उन्नत करता रहता है. प्रत्येक जीवन-पद्धति, रीति-रिवाज, रहन-सहन, आचार-विचार, नवीन अनुसन्धान और आविष्कार, जिससे मनुष्य पशुओं के जीवन के दर्जे से ऊँचा उठता है तथा सभ्य बनता है, संस्कृति कहलाती है. इसतरह, सभ्यता से मनुष्य के भौतिक क्षेत्र की प्रगति सूचित होती है जबकि संस्कृति से मानसिक क्षेत्र की प्रगति सूचित होती है.

ओबीओ लाईव महा-उत्सव के 28 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है. पिछले 27 कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने 26 विभिन्न विषयों पर बड़े जोशोखरोश के साथ बढ़-चढ़ कर कलमआज़माई की है. जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तेज़ करने का अवसर प्रदान करता है.

इस आयोजन के अंतर्गत कोई एक विषय या एक शब्द के ऊपर रचनाकारों को अपनी रचनाएँ प्रस्तुत करना होता है. इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है :

"OBO लाइव महा उत्सव" अंक - 28
 

विषय - सभ्यता और संस्कृति 

आयोजन की अवधि-  8 फरवरी-13 दिन शुक्रवार से 10 फरवरी-13 दिन रविवार तक

तो आइए मित्रो, उठायें अपनी कलम और दिये गये विषय को केन्द्रित कर दे डालें अपने भावों को एक काव्यात्मक अभिव्यक्ति ! बात बेशक छोटी हो लेकिन ’घाव गंभीर’ करने वाली हो तो पद्य-समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए. आयोजन के लिए दिए विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित पद्य-रचना पद्य-साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते है. साथ ही अन्य साथियों की रचनाओं पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं.

उदाहरण स्वरुप साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं --

तुकांत कविता
अतुकांत आधुनिक कविता
हास्य कविता
गीत-नवगीत
ग़ज़ल
हाइकू
व्यंग्य काव्य
मुक्तक

शास्त्रीय-छंद  (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका इत्यादि)

अति आवश्यक सूचना : OBO लाइव महा उत्सव अंक- 28 में सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अधिकतम तीन स्तरीय प्रविष्टियाँ ही दे सकेंगे. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटा दिया जाएगा. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.

(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 8 फरवरी-13 दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा ) 

यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो  www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.


महा उत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय (Saurabh Pandey)
(सदस्य प्रबंधन टीम)

ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम.

Views: 10843

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

भाई विंध्येश्वरीजी, ईश्वर से करबद्ध प्रार्थना करूँगा कि वे आपको ऐसी ही टूटी-फूटी रचनाएँ सदियॊं करते रहने का वरदान दें. 

चौपाई और दोहे के सुमेल में आपने क्या ही सुन्दर रचना साझा की है. कल और आज को आपने बडे मनोयोग से संजोया है. इस प्रस्तुति पर आपका हार्दिक धन्यवाद और अनेकानेक शुभकामनाएँ..

स्वागत है आदरणीय
सुन्दर दोहे और चौपाइयां |
शुभकामनायें ||

क्या बात है!!  बहुत ही सुंदर प्रस्तुति ... छोटी सी रचना में आपने सत्ययुग से कलयुग तक का चित्रण बड़े ही खूबसूरती से किया है ... बहुत-२ बधाईयाँ आपको 

आदरणीय त्रिपाठी जी, बहुत ही उम्दा प्रस्तुति.....हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिये

प्रिय विन्ध्येश्वरी जी, 

बहुत बहुत सुन्दर रचना, एक से बढ़ कर एक दोहे और बहुत ही सुन्दर चौपाईयां, वाह !

कथ्य, भाव शिल्प, प्रस्तुति सब कुछ बढ़िया, हार्दिक बधाई.

आदरणीय संचालक श्री सौरभ पाण्डेय जी, महाउत्सव-28 में मेरी दसरी रचना सादर समर्पित है-
 
सहनशीलता सभ्य समाज की पहचान  
सदाशयता इसका दूजा गुण भी जान  
आत्मीयता दिखलाना सभ्यता की जान  
स्नेह भाव से रखते एक दूजे का मान  
वसुदेव कुटुम्बकम में ये सारे गुण समाये  
चीनी यात्री ह्वानसांग भी मन्त्र मुग्ध हर्षाये। 
 
रामराज्य सा आदर्श यहाँ मिलता है, 
सर्व-धर्म सदभाव यही  खिलता है  
अनेकता में एकता का दर्शन यहाँ होता, 
गंगा जमनी तहजीब का संगम भी होता  
दुनिया में जिसे एक नाम से सभी जानते, 
विश्व में "भारतीय-संस्कृति"इसे ही बताते 
 
भौतिकता की चकाचौंध में कुछ खो दिया है  
पाश्चात्य संस्कृति ने कुछ निर्वस्त्र किया है  
अब फिर से धीरज शिष्टाचार लाना होगा, 
माधुर्य एकता की संस्कृति का शौर्य होगा | 
सभ्यता संस्कृति ही यहाँ की पहचान होगी,  
रफ्ता रफ्ता फिरसे विश्व गुरु की शान होगी 
 
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला  
 

देश की संस्कृति का गुणगान करती सकारात्मक रचना के  लिए हार्दिक साधुवाद श्री लक्ष्मण जी !!

हार्दिक आभार श्री अरुण कुमार पांडेय अभिनव जी 

सहनशीलता सभ्य समाज की पहचान  
सदाशयता इसका दूजा गुण भी जान  
आत्मीयता दिखलाना सभ्यता की जान  
स्नेह भाव से रखते एक दूजे का मान  
वसुदेव कुटुम्बकम में ये सारे गुण समाये  
चीनी यात्री ह्वानसांग भी मन्त्र मुग्ध हर्षाये।---सही कह रहे हैं आप ये सब हमारे देश के मज़बूत स्तंभ हैं जो पश्चिमी हवा से हिल रहे हैं हमे इन्हें बचाना है बहुत अच्छी प्रस्तुति हार्दिक बधाई 

आपको प्रस्तुति सार्थक लगी, मेरा प्रयास सार्थक हुआ, हार्दिक आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी

सभ्यता संस्कृति ही यहाँ की पहचान होगी,  
रफ्ता रफ्ता फिरसे विश्व गुरु की शान होगी ........ क्षतिपूर्ति जरूरी है.
आदरणीय लड़ीवाला साहब सादर, सुसंस्कृति के गुणगान करत्ती सुन्दर रचना सादर हार्दिक बधाई स्वीकारें.
 

ओबीओ मंच के माध्यम से भारतीय संभ्य और संस्कृति के पुनः उन्नयन के लिए की जारही 

शुभ कामनाओं का फल जरूर मिलेगा और क्षतिपूर्ति जो आप जरूरी बता रहे है, होगी ।रचना 
भाव पसंद कर प्रोत्साहित करते रहने के लिए आपका हार्दिक आभार भाई श्री अशोक रक्ताले जी 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय सुशील सरना जी, हार्दिक आभार आपका। सादर"
10 hours ago

प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। इस बार…See More
16 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया छंद

आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार।त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।।बरस रहे अंगार, धरा ये तपती…See More
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना कि कुछ तो परदा नशीन रखना।कदम अना के हजार कुचले,न आस रखते हैं आसमां…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ओबीओ द्वारा इस सफल आयोजन की हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
Tuesday
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"बहुत सुंदर अभी मन में इच्छा जन्मी कि ओबीओ की ऑनलाइन संगोष्ठी भी कर सकते हैं मासिक ईश्वर…"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service