For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साहित्य प्रेमियो,

सादर वन्दे |

ओबीओ लाईव महा-उत्सव के 25 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | पिछले 24 कामयाब आयोजनों में रचनाकारों ने 24 विभिन्न विषयों पर बड़े जोशोखरोश के साथ बढ़-चढ़ कर कलम आज़माई की है | जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तेज़ करने का अवसर प्रदान करता है | इस आयोजन के अंतर्गत कोई एक विषय या एक शब्द के ऊपर रचनाकारों को अपनी रचनाएँ प्रस्तुत करना होता है | इसी सिलसिले की अगली कड़ी में प्रस्तुत है:-

"OBO लाइव महा उत्सव" अंक - 25
 

विषय -  दीपावली 

आयोजन की अवधि-  9 नवम्बर दिन शुक्रवार से 11 नवम्बर दिन रविवार तक

तो आइए मित्रो, उठायें अपनी कलम और दे डालें अपनी कल्पना को हक़ीक़त का रूप | बात बेशक छोटी हो लेकिन ’घाव गंभीर’ करने वाली हो तो पद्य-समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए | महा-उत्सव के लिए दिए विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी अप्रकाशित पद्य-रचना पद्य-साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते है | साथ ही अन्य साथियों की रचनाओं पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं.

उदाहरण स्वरुप साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं --


तुकांत कविता
अतुकांत आधुनिक कविता
हास्य कविता
गीत-नवगीत
ग़ज़ल
हाइकू
व्यंग्य काव्य
मुक्तक

शास्त्रीय-छंद  (दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका इत्यादि)

अति आवश्यक सूचना -- OBO लाइव महा उत्सव अंक- 25 में सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अधिकतम तीन स्तरीय प्रविष्टियाँ ही दे सकेंगे | नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटा दिया जाएगा | यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी |

(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो शुक्रवार 9 नवम्बर लगते ही खोल दिया जायेगा ) 

यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो  www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.


महा उत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन टीम)

ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम.

Views: 14451

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

हरें विश्व की पीर, दिलों से भेद मिटाएं 

हृदय  गुहा में सुप्त, ज्ञान का दीप जलाएं

आदरणीय प्राची जी,  

सादर 

मेरी दिली तमना को आकार दे दिया 

बधाई.

शुभ दीपावली 

बेहद सुन्दर और सारगर्भित कुंडली कही है डॉ प्राची जी, कथ्य उत्तम शिल्प सधा हुआ ! हार्दिक बधाई। 

प्राची पावन पर्व पर, पहुंची पंख पसार ।

भ्रमण भूमि भारत भरे, तन मन में उजियार ।

तन मन में उजियार, अँधेरा रहे कहाँ से ।

मने मस्त त्यौहार, उदासी विदा जहाँ से ।

कवियत्री कुंडली, सदा ही बढ़िया बांची ।

शुभकामना असीम, नमन हे विदुषी प्राची ।।

पूरब ही तो चीरता, तिमिर कलुष अज्ञान

पश्चिम क्या जाने इसे, वह तो है नादान

वह  तो  है  नादान , नहीं  जाने  दीवाली

समझ रहा है दीप , सिर्फ माटी की प्याली

बाती तेल जलाव,तिमिर दुनियाँ का जीतो

तिमिर कलुष अज्ञान,चीरता पूरब ही तो ||

सही कहा, अरुण भाईजी आपने. पूर्ण सहमति ..


आदरणीय  मंच संचालक जी एवं  समस्त मित्रों को धनतेरस  की बधाई

थोड़ा सा छन् पकाया है दीपावली पर, जैसा भी है परोस रहा हूँ 


छन्न पकैया

छन्न पकैया - छन्न पकैया, सबको खूब बधाई
नव नूतन उजियारा लेकर, नई  दिवाली आई 

छन्न पकैया - छन्न पकैया,  कर लो काव्य-किलोलें 
ओ बी ओ के  रजत महोत्सव की मिल कर जय बोलें  

छन्न पकैया - छन्न पकैया, मार गयी मंहगाई
रॉकेट की कीमत में भैया केवल चकरी आई 

छन्न पकैया - छन्न पकैया, घी का दाम सुना है ?
हमने सुना है और सुनते ही अपना शीश धुना है

छन्न पकैया - छन्न पकैया,  सोना सचमुच सोना
भाव पूछने से पहले तुम, सोडे से मुंह धोना

छन्न पकैया - छन्न पकैया, पुनः मुबारकबाद
अब आयेंगे खाना खा कर, लंच ब्रेक के बाद
__जय हो !




छन्न पकैया - छन्न पकैया, मार गयी मंहगाई 
रॉकेट की कीमत में भैया केवल चकरी आई ---------बिलकुल सही कहा 

छन्न पकैया - छन्न पकैया,  सोना सचमुच सोना 
भाव पूछने से पहले तुम, सोडे से मुंह धोना --------hahahaha

ये हुए ना अलबेला छाप छन् पकैया वाह बहुत बढ़िया शानदार 

धन्यवाद  सम्मान्य राजेश जी
आभार आपकी सराहना का .........

सुन्दर छन् पकैया  बधाई श्री अलबेला खत्री जी 
छन् पकैया छन् पकैया सोना सचमुच सोना                                       
सोओ औड रजाई काहे महंगाई का है रोना ।  


आदरणीय  लक्ष्मण प्रसाद लड़ी वाला जी
आपका प्यार  पा कर बालक धन्य हुआ

यों ही स्नेह वर्षाते  रहें

सादर

खुशियों के इस त्यौहार पर स्नेह स्वर बरसे 

अनुज खुश हो जाय मन बाग़ बाग़ हो हर्षे, 
 
कृपा करो भगवन रोज खुशियों का इजहार हो 
होली और  दिवाली जैसे उत्सव बारम्बार हो ।
 
स्वागत है अलबेला जी 

:-))))

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Saurabh Pandey's blog post गजल - जा तुझे इश्क हो // -- सौरभ
"आ. सौरभ सर श्राप है या दुआ जा तुझे इश्क़ हो मुझ को तो हो गया जा तुझे इश्क़ हो..इस ग़ज़ल के…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. नाथ जी "
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. विजय जी "
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. अजय जी "
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. समर सर. पता नहीं मैं इस ग़ज़ल पर आई टिप्पणियाँ पढ़ ही नहीं पाया "
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. रचना जी "
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. तेजवीर सिंह जी "
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - उन  के बंटे जो  खेत तो  कुनबे बिखर गए
"धन्यवाद आ. आशुतोष जी "
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की-जिस्म है मिट्टी इसे पतवार कैसे मैं करूँ
"धन्यवाद आ. समर सर "
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Saurabh Pandey's blog post खत तुम्हारे नाम का.. लिफाफा बेपता रहा // सौरभ
"आ. सौरभ सर,मोएन जो दारो की ख़ुदाई से एक प्राचीन सभ्यता के मिले अवशेष अभी देख रहा हूँ..यह ग़ज़ल कैसे…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post खत तुम्हारे नाम का.. लिफाफा बेपता रहा // सौरभ
"आदरणीय, सहमति के लिए हार्दिक धन्यवाद"
4 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service