For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जिंदगी रूठ के मुझसे कहीं खोई होगी

जिंदगी रूठ के मुझसे कहीं खोई होगी 

तकिये में मुंह छिपाकर रोई होगी 

जल गई थी जो अरमानों की फसल 

यंकी नहीं कि फिर से बोई होगी 

बढ़ गई होंगी जब दिल की बेताबियाँ 

टूटी मेरी तस्वीर फिर संजोई होगी

मैं जानता हूँ हाल इस वक़्त भी उसका  

शबनम ओढ़ के पलकों पे सोई होगी  

                 ***** 

Views: 635

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 20, 2012 at 5:14pm

सतीश कुमार जी इस खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 20, 2012 at 5:13pm

अशोक कुमार रक्तेला जी  आपका कमेन्ट पढ़ा इस ग़ज़ल पर बहुत अच्छा लगा हार्दिक आभार आपका 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 20, 2012 at 5:12pm

गणेश जी बागी जी बहुत दिनों बाद अपने ब्लॉग में बीच में झाँकने का आज मौका मिला आपका कमेन्ट पढ़ा इस ग़ज़ल पर बहुत अच्छा लगा हार्दिक आभार आपका 

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 22, 2012 at 8:55pm

जिंदगी के कुछ उदासी भरे क्षणों पर रची सुन्दर रचना. बधाई.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 21, 2012 at 7:11pm

आदरणीया ये दिल मांगे मोर ....


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 21, 2012 at 1:53pm

योगराज  जी बहुत बहुत  हार्दिक आभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 21, 2012 at 1:52pm

 प्राची जी बहुत बहुत  हार्दिक आभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 21, 2012 at 1:51pm

अविनाश बागडे जी हार्दिक आभार 


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on May 21, 2012 at 1:09pm

बहुत खूब राजेश कुमारी जी.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 21, 2012 at 11:57am

जल गई थी जो अरमानों की फसल 

यंकी नहीं कि फिर से बोई होगी !

भावात्मक रचना के लिए बधाई आदरणीया राजेश कुमारी जी..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
yesterday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service