For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हिरासत में लिए गए अन्ना, किरण व केजरीवाल

नई दिल्ली। अन्ना हजारे के प्रस्तावित अनशन से ठीक पहले दिल्ली पुलिस ने मंगलवार की सुबह हजारे, उनके साथी कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी को हिरासत में ले लिया।

हजारे और केजरीवाल को सुबह सात से सवा सात के बीच मयूर विहार स्थित शांति भूषण के सुप्रीम एनक्लेव स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया। जैसे ही दोनों अन्ना का अनशन शुरू होने से पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के इरादे से राजघाट जाने के लिए अपार्टमेंट से बाहर निकले, पुलिस ने उन्हें अपने वाहन में बिठा लिया। किरण बेदी को राजघाट से हिरासत में लिया गया।

दिल्ली पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की। पुलिस उपायुक्त [अपराध] अशोक चांद सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने आज सुबह अन्ना हजारे से मुलाकात की और उनसे जेपी पार्क में अपने प्रस्तावित अनशन पर आगे न बढ़ने का अनुरोध किया। जेपी पार्क में निषेधाज्ञा लागू है।

सूत्रों के अनुसार जब अन्ना ने पुलिस अधिकारियों की बात मानने से इंकार किया तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया।

हजारे और केजरीवाल को हिरासत में लिए जाने के समय भारी तादाद में उनके समर्थक मयूर विहार में मौजूद थे और नारेबाजी कर रहे थे।

पुलिस की इस कार्रवाई पर पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण और पूर्व विधि मंत्री शांति भूषण ने सवाल उठाए हैं। किरण ने कहा कि यह हिरासत असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है।

वहीं, लोकपाल विधेयक संयुक्त मसौदा समिति के सह-अध्यक्ष भूषण ने कहा कि हजारे को हिरासत में लिया जाना गैर-कानूनी है क्योंकि उन्होंने अब तक तो धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा का उल्लंघन भी नहीं किया है। हजारे मयूर विहार स्थित मेरे फ्लैट पर मौजूद थे जब पुलिस आई और उन्हें ले गई। पुलिस ने हिरासत में लिए जाने का कारण नहीं बताया।

उन्होंने संकेत दिए कि इस कार्रवाई के खिलाफ वह अदालत की शरण में जाएंगे। भूषण ने समाचार चैनलों से कहा कि पहले सरकार को तानाशाही कर लेने दीजिए। फिर हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

इससे पहले, कल रात जयप्रकाश नारायण पार्क से भी पुलिस ने हजारे के करीब 50 समर्थकों को हिरासत में लिया था।

साभार :- जागरण

Views: 1283

Reply to This

Replies to This Discussion

यह निक्कमी सरकार घपलों और घोटालों के आगे तो कुछ कर नहीं सकी है और अब शांति से अपनी बातों को रखने भी नहीं देती, जनाक्रोश को दबाने की यह अंग्रेजी तरीका कांग्रेस को मटियामेट कर देगी, आजाद भारत को चंद मुठी भर लोग रखैल बना दिए है | जिस कांग्रेस का पहला सिद्धान्त ही सत्याग्रह, अनशन रहा है उसी कांग्रेस पार्टी के मनमोहन सिंह कह रहे है कि "अपनी बातों को मनवाने के लिए अनशन ठीक नहीं" सचमुच बागडोर गोरे अंग्रेजों के हाथ से निकलकर काले अंग्रेजों के हाथों में आ गई है |
शर्म शर्म शर्म...............

यह सरकार की तानाशाही का सबूत है ! जो भी हो रहा है यह देश की सेहत  के लिए ठीक नही हो रहा है !

 हुक्मरानों से कह दो की जनता जाग गयी है !

सरकार अपनी नाकामियों से बढ़ कर अपनी ठगी से लोगों का ध्यान हटाने के लिये सारी वर्जिश कर रही है.

 

अन्ना हम आपके साथ हैं बन्दे मातरम जय हिंद

"एक अन्ना ने  बिगुल फूंक दिया दिल्ली में ,

हर गली में वही हुंकार सुनाई जाए "

सिसकियो पर अब किसी अन्याय को पलने ना देंगे
ज़ुल्म के सिक्के किसी अब यहा चलने ना देंगे
खून के दीपक जलाकर अब यहा दीवाली ही बनेगी
अब दिलो की होलियो को हम यहा जलने ना देंगे
आज मुझे ये किसी शायर का शेर याद आया है जिसके माध्यम से मे इस तानाशाह सरकार से कहना चाहता हूँ बहुत हो गया है अब ओर सहा नही जाता आख़िर कब तक खुलेआम हम इस तानाशाही को मूकदर्शक बन कर देखते रहे, आखिर कब तक सहेगी जनता. सरकार इस बात को जान ले की समन्दर में कंकर मारने से उसकी लहर बहुत दूर तक जाती है.. अन्ना जी की आवाज १ आम आदमी की आवाज है, वो आम आदमी जो भ्रष्टता,चोरी बेईमानी से परेशान हो चूका है और वो अब सिर्फ ये ही कह रहा है, की अब बस करो कुर्सी के खातिर कब तक इस देश के साथ खेलते रहोगे, सोने की चिड़िया कहा जाने वाला देश आज भूख,गरीबी,बेरोजगारी से लड़ रहा है और वो सब इन नेताओ की मेहरबानी से ही हुआ है, शायर ताहिर फराज कहते है की -
मुद्दतो सोचना, मुक्तसर बोलना
जब भी बोलो कभी सोचकर बोलना
क्यों है खामोश सोने की चिड़िया बता
लग गई तुझको किस की नजर बोलना

ये बात तो आप हम सभी जानते है की किस की नजर लग गई है इस सोने की चिड़िया को, किस प्रकार इन नेताओ ने इस देश को लुटा है,आज जब टीवी पर समाचार देखा तो कहा जा रहा था की अन्ना जी ने कानून तोडा है, वो लोग ये भूल गए की घोटाला करना कानून तोड़ना नहीं है, और अगर इसे रोकने के लिए कानून टूट भी जाता है तो क्या फर्क पड़ता है आखिर ये कानून, ये नियम ये कायदे सब इस देश के लिए ही है ना, शर्म आनी चाहिए उन्हें जिन्होंने ये बयांन दिया की अन्ना जी ने कानून तोडा है
आज इस ओपन बुक्स आनलाइन के माध्यम से में ये कहना चाहता हु की अन्ना जी हम आपके साथ है, आखिर जीत सच की ही होती है

जय हिंद

यहाँ मुझे दुष्यंत कुमार की कुछ पंक्तियाँ याद आ रही हैं ---

मत कहो आकाश में कुहरा घना है.

यह किसी की व्यक्तिगत आलोचना है.

दोस्तों ! अब मंच पर सुविधा नहीं है.

आजकल नेपथ्य में संभावना है.

प्रेरणा शहीदो से हम अगर नही लेंगे
आज़ादी ढलती हुई सांझ हो जाएगी
यदि वीरो की पूजा हम नही करेंगे
सच मानो वीरता बांझ हो जाएगी


आजादी
कैसी यहाँ, आजादी बस नाम,
भ्रष्टाचारी राज में, सही हुए बदनाम.
सही हुए बदनाम, वही ठहराए दागी.
उनका काम तमाम, जिन्हें है पाया बागी.
ख़त्म करें यह खेल, अंत जिसका बरबादी,
लें अन्ना की राह, तभी पायें आजादी..

सरकार ने तो स्वयं ही अन्ना को हीरो बना दिया है और अब उनका हीरो बनना हजम नहीं कर पा रही है ।

"खाओ कसम इस देश से चोरो को भगा देंगे
बेईमान मंसूबो मे आग लगा देंगे
भारत मे रहकर जो करे राष्ट्रद्रोह की बाते
एसे सभी निशान भारत से मिटा देंगे"



देश की सरकार जनता को यू गुमराह नही कर सकती इस देश की मिट्टी मे बहुत दम हे सरकार इस देश से भ्रष्टाचार हटाना ही नही चाहती. जागो देश वासीयो हमे जनलोकपाल चाहिए और हम लाकर रहेंगे.
एक ७० साल के व्रद्ध ९ दिन से बिना कुछ खाए अनशन पर हे वो भी हमारी भलाई के लिए देश की भलाई के लिए उनका साथ दो.
ईश्वर को भी मुँह दिखाना हे अपनी आत्मा की आवाज़ सुनो वरना तुम्हारा अंतरमन तुम्हे कभी माफ़ नही करेगा

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   वाह ! प्रदत्त चित्र के माध्यम से आपने बारिश के मौसम में हर एक के लिए उपयोगी छाते पर…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत कुण्डलिया छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, कुण्डलिया छंद पर आपका अच्छा प्रयास हुआ है किन्तु  दोहे वाले…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया छंद रचा…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आती उसकी बात, जिसे है हरदम परखा। वही गर्म कप चाय, अधूरी जिस बिन बरखा// वाह चाय के बिना तो बारिश की…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीया "
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"बारिश का भय त्याग, साथ प्रियतम के जाओ। वाहन का सुख छोड़, एक छतरी में आओ॥//..बहुत सुन्दर..हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्र पर आपके सभी छंद बहुत मोहक और चित्रानुरूप हैॅ। हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेश कल्याण जी।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आयोजन में आपकी उपस्थिति और आपकी प्रस्तुति का स्वागत…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आप तो बिलासपुर जा कर वापस धमतरी आएँगे ही आएँगे. लेकिन मैं आभी विस्थापन के दौर से गुजर रहा…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service