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हमारी बात भारी हो रही है।
ये देखो इश्तेहारी हो रही है।
खफा हो मुझसे तुम ये लग रहा है ,
की मीठी शय भी खारी हो रही है।
तरसती है ख़ुशी को जिन्दगानी ,
ये अब तो गम की मारी हो रही है।
तपन हरगिज ना इसको आंकना कम ,
बुलंदी पर ये नारी हो रही है।
- मौलिक एवं अप्रकाशित
Posted on May 12, 2019 at 12:30pm
ग़ज़ल के बादशाह श्री जगजीत सिह के निधन की खबर सुनते ही आँखे भर आई है. जगजीत सिह जी वो थे जिन्होने मुझ जैसे कई लोगो को ग़ज़ल से परिचित कराया है, जैसे संगीत और शायरी का साथ है, शायरी और ग़ज़ल है, वैसे ही ग़ज़ल और जगजीत सींग जी है, उनकी आवाज़ मे एक जादू था, रागो की आमिजीश के साथ उनकी ग़ज़ले दिल मे उतर जाती थी, दिल को छू जाती थी आज उनके लिए मुझे किसी…
ContinuePosted on October 10, 2011 at 1:30pm — 1 Comment
फिर आ रहा है १५ अगस्त. फिर से उस दिन सुबह उठते ही हम देश प्रेम के गीत को सुनेगे | सारे समाचार,टीवी चैनल सब जगह देश प्रेम की बाते की जायेगी, स्कुलो में भी गली के सबसे भ्रष्ठ नेता जी को देश प्रेम का भाषण देने के लिए बुलाया जाएगा | टीवी चैनल्स पर देश प्रेम की फ़िल्म लगाई जायेगी,दया करुणा प्रेम भाईचारे के साथ रहने की कसम खाई जायेगी. पूरा देश,देशभक्ति के रंग में डूब जाएगा..और जैसे…
ContinuePosted on August 12, 2011 at 2:00am — 3 Comments
मे ये नही जानता शायरी क्या होती है, ग़ज़ल क्या होती है. गीत क्या होता है. सिर्फ़ मे वो लिखता हू जो मे महसूस करता हू. अपने एहसासो को कागज पर लिख के पोस्ट कर रहा हू. तकनीकी ग़लतियो के लिए माफी चाहता हू और आदरणीय योगराज जी, अंबरीषजी,धर्मेन्द्र जी और तिलक राज जी,गणेश जी से ये मेरी गुज़ारिश है की, वो अपने कीमती समय का कुछ पल मेरी इन पंक्तियो को दे कर तकनीकी ग़लतिया मुझे बताए.....इसके अलावा हिन्दी लिखने के Tool से मे पूरी तरीके से परिचित नही हू इसलिए जानकर् भी अपनी…
ContinuePosted on June 6, 2011 at 3:00pm — 2 Comments
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मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…