For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साहित्य प्रेमियो,

जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तीक्ष्ण करने का अवसर प्रदान करता है. इसी क्रम में प्रस्तुत है :

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-152

विषय : "जिंदगी का सफर"

आयोजन अवधि- 10 जून 2023, दिन शनिवार से 11 जून 2023, दिन रविवार की समाप्ति तक अर्थात कुल दो दिन.

ध्यान रहे : बात बेशक छोटी हो लेकिन 'घाव करे गंभीर’ करने वाली हो तो पद्य- समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए. आयोजन के लिए दिये विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी मौलिक एवं अप्रकाशित रचना पद्य-साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते हैं. साथ ही अन्य साथियों की रचना पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं.

उदाहरण स्वरुप पद्य-साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं --

तुकांत कविता, अतुकांत आधुनिक कविता, हास्य कविता, गीत-नवगीत, ग़ज़ल, नज़्म, हाइकू, सॉनेट, व्यंग्य काव्य, मुक्तक, शास्त्रीय-छंद जैसे दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका आदि.

अति आवश्यक सूचना :-

रचनाओं की संख्या पर कोई बन्धन नहीं है. किन्तु, एक से अधिक रचनाएँ प्रस्तुत करनी हों तो पद्य-साहित्य की अलग अलग विधाओं अथवा अलग अलग छंदों में रचनाएँ प्रस्तुत हों.
रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना अच्छी तरह से देवनागरी के फॉण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें.
रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं.
प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें.
नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर संकलन आने के बाद संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.

आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता अपेक्षित है.

इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.

रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से स्माइली अथवा रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फाण्ट में टिप्पणियाँ करना, एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो - 11 जून 2023, दिन शनिवार लगते ही खोल दिया जायेगा।

यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.

महा-उत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक करें

मंच संचालक

ई. गणेश जी बाग़ी 
(संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम परिवार

Views: 840

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

स्वागतम

सादर अभिवादन।

दोहे.- विषय (जिंदगी का सफर)
**
चलता है जीवन सफर, जन्म मरण के बीच
जिस में हर पग पर धरे, शूल, सुमन सह कीच।१।
*
पले कोख में मात के, हर प्राणी कुछ माह
भीतर सुख की नींद ले, बाहर आकर आह।२।
*
पूर्ण कोख का कर समय, जन्मा ज्यों ही जीव
मुट्ठी  बाँधे  रो  कहे, सुख - दुख  मिले  अतीव।३।
*
किलकारी, हँसना, रुदन, इठलाने का भाव
तय करता जीवन सफर, मद में बढ़ा दुराव।४।
*
कहीं  नर्क  सी  दूरियाँ,  कहीं  स्वर्ग  सा  मेल
सदा रहा जीवन सफर, अजब अनोखा खेल।५।
*
दुख,पीड़ा, ढेरों व्यथा, पल भर सुख का साथ।
गमन - आगमन पर रहा, सब का खाली हाथ।६।
*
साँसों में जीवन सफर, ज्यों नदिया में नीर
उड़ जायेगा भाप बन, ज्ञात नहीं किस तीर।७।
*
बातें दर्शन कुछ कहे, प्रायोगिक कुछ और।
बोल न पते पर सफर, थमे कहाँ किस ठौर।८।*
*
यह  जीवन  आनन्द  में, लिया  उसी .ने काट
जिस को भी सुख दुख रहे, सदा बिकाते हाट।९।
*
हर जीवन का यह सफर, इतना ही है कन्त
शुरू हुआ इक भ्रूण से, और राख पर अन्त।१०।
*
मौलिक/अप्रकाशित

//

भाई जी उम्दा पेशकश बेहतरीन साहित्यिक परिवेश आनंद आ गया - एक अबोध बालक 

आ. भाई अरुण जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।

आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, दमदार दोहे सृजन के लिए हार्दिक बधाई।

आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।

 आ. भाई लक्ष्मण सिंह मुसाफिर,  सभी दोहे सार्थक हुए  है, लेकिन दोहा न0 09 का तीसरा चरण,  " बोल न पते पर सफर" मात्रा दोष है। साथ ही  शब्द,  " प्रायोगिक " के कारण भाव स्पष्ट नहीं  हो रहा  है, इति । 

कृपया, दोहा न0 8  का तीसरा चरण  न कि दोहा न0 9  जिस का अन्तिम चरण,  सदा बिकाते हाट का अभिप्राय भी मुझे स्पष्ट न हो सका! बन्धु,  कृपया देखें !

आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।

प्रायोगिक शब्द विज्ञान के संदर्भ में प्रयोग किया है।

हाट बिकाते का आशय धन दौलत पर निर्धारित करने से है।

शीर्षक
तुम अगर साथ हो

विधा – नवगीत

जिंदगी के सफर में

तुम अगर साथ हो ।

तो क्या बात हो

तो क्या बात हो ।

कोई मजबूरी नहीं

कोई जिद्द भी नहीं ।

सिर्फ एहसास हो ।

मिल्कियत हो खुदा की

इंसानियत के जज़्बात हों ।

तबियत से सभी बिंदास हो ।

यूँ उदासी से हमको लेना देना नहीं

आप मसरूफ़ हैं तो क्या बात हो । 

जिंदगी के सफर में

तुम अगर साथ हो ।

तो क्या बात हो

तो क्या बात हो ।

यूँ अकेले अकेले कटेगा सफ़र

सोच कर हमको लगता

है बेहद ही डर ।

भीड़ है सब जगह

भीड़ हो सब जगह

भीड़ का अंश है बना आदमी

ऐसे हालात में क्या जीये आदमी

सांस है घुट रही

मौत है दिख रही

सोच कर हमको लगता

है बेहद ही डर ।

जिंदगी के सफर में

तुम अगर साथ हो ।

तो क्या बात हो

तो क्या बात हो ।

प्यार हो के न हो

कद्र की बानगी से

अब चलेगा ये घर

कोई समझे न समझे हमको मगर

एक इंसान सी मेरी पहचान हो

कौन आया गया, शौक ही मर गया

बैठकों में महफ़िल का आगाज हो

आप भी कुछ कहें और भी कुछ कहें

शम्मा जलती रहे

रिंद पर रिंद यूँ ही ढलते रहें

जिंदगी के सफर में

तुम अगर साथ हो ।

तो क्या बात हो

तो क्या बात हो ।

 

मौलिक एवं अप्रकाशित

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
12 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)-----------------------------देवलोक भी जोहता,चकवे की ज्यों बाट।संत सनातन संग…See More
12 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service