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आदरणीय काव्य-रसिको !

सादर अभिवादन !!

 

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह एक सौ उन्तीसवाँ आयोजन है.   

 

इस बार का छंद है -  कुकुभ छंद  

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ –22 जनवरी 2021 दिन शनिवार से 

23 जनवरी 2021 दिन रविवार तक

हम आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

(चित्र : अंर्तजाल के माध्यम से)

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.  

 

कुकुभ छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक ...

जैसा कि विदित है, कईएक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

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आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 22 जनवरी 2021 दिन शनिवार से 23 जनवरी 2021 दिन रविवार तक, यानी दो दिनों के लिए, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें। 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  8. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

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मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

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Replies to This Discussion

आदरणीया प्रतिभाजी   

बहुत सुन्दर , इस गीत के लिए हृदय से बधाई 

वाह वाह वाह ! 

आदरणीया प्रतिभाजी, आपके गीत का यह आयोजन सहर्ष स्वागत करता है. जिस सहज ढंग से कुकुभ छंदाधारिक यह गीत प्रवहमान हो रहा है, वह प्रशंसनीय  है.

हार्दिक बधाई स्वीकार करें. 

शुभ-शुभ

आ. भाई दण्डपाणि जी, यह रचना कुकुभ छंद पर खरी नहीं उतर रही , देखिएगा। फिलहाल सहभागिता के लिए हार्दिक बधाई।

आदरणीय दण्डपाणी नाहक जी सादर, कुकुभ छंद पर अच्छा प्रयास हुआ है आपका. आपके प्रस्तुत छंद में कई जगह मात्रा गणना में चूक हुई है. छंद की गेयता किस तरह बनायी जाए इस पर भी कार्य आवश्यक है. सादर

आपका आयोजन में सहर्ष स्वागत है, आदरणीय दण्डपाणि नाहक जी. 

संलग्नता बनाए रखें. 

शुभातिशुभ 

कुकुभ छंद

 

*

स्नान मकर संक्रांति पर्व का, श्रद्धा से करते सारे ।

लगा-लगाकर हर डुबकी पर, सूर्य देव के जयकारे ।

बैठे गाध कई सरिता के, कई - कई गहरे जाते ।

कई अचंभित देखें उनको , जो डर-डर दिखे नहाते ।।

*

अयन बदल कर सूरज प्यारा, आया उत्तर के द्वारे ।

पायेंगे जन चैन सभी जो, सर्दी से हैं थक हारे ।

तेज सूर्य का फिर लौटेगा, सर्दी को जाना होगा ।

वासंती परचम फहराने, नव ऋतु को आना होगा ।।

*

निखरा रूप प्रकृति का सुन्दर, मिलजुल कर मौज मनाएँ ।

मीठा - मीठा सबसे बोलें, मीठा - मीठा ही गाएँ ।

खाएँ तिल-गुड़ मीठा-मीठा, कुछ लड्डू बना खिलाएँ ।

थोड़ा-थोड़ा सबको बाँटें, आशीष सभी से पाएं ।।

#

 

 मौलिक/अप्रकाशित.

आ. भाई अशोक जी, चित्रानुरूप बेहतरीन छन्द रचे हैं । हार्दिक बधाई। 

आदरणीय भाई लक्षमण धामी 'मुसाफ़िर' जी, प्रस्तुत छंद रचना की सराहना के लिए हार्दिक आभार. सादर

आदरणीय अशोक भाईजी 

हृदय से बधाई  इस सुन्दर छंद के  लिए | 

आदरणीय अखिलेश  कृष्ण श्रीवास्तव साहब, प्रस्तुत कुकुभ छंदों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार. सादर

आदरणीय अशोक जी

कुकुभ  छंद आधारित सुन्दर छंदों के लिये हार्दिक बधाई

आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर

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"क्या बात है, आदरणीय अशोक भाईजी, क्या बात है !!  मैं अभी समयाभाव के कारण इतना ही कह पा रहा हूँ.…"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुतियों पर विद्वद्जनों ने अपनी बातें रखी हैं उनका संज्ञान लीजिएगा.…"
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"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी सहभागिता के लि हार्दिक आभार और बधाइयाँ  कृपया आदरणीय अशोक भाई के…"
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"आदरणीय अखिलेश भाई साहब, आपकी प्रस्तुतियाँ तनिक और गेयता की मांग कर रही हैं. विश्वास है, आप मेरे…"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, इस विधा पर आपका अभ्यास श्लाघनीय है. किंतु आपकी प्रस्तुतियाँ प्रदत्त चित्र…"
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"आदरणीय मिथिलेश भाईजी, आपकी कहमुकरियों ने मोह लिया.  मैंने इन्हें शमयानुसार देख लिया था…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार.…"
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"   आदरणीय मिथिलेश जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार.…"
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"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
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"    प्रस्तुति की सराहना हेतु हृदय से आभार आदरणीय मिथिलेश जी. सादर "
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