For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको !

सादर अभिवादन !!

 

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह एक सौ पचीसवाँ आयोजन है.   

 

इस बार का छंद है - भुजंगप्रयात छंद  

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  

18 सितम्बर 2021 दिन शनिवार से 

19 सितम्बर 2021 दिन रविवार तक

हम आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.  

चित्र अंतर्जाल से

भुजंगप्रयात छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक ...

जैसा कि विदित है, कईएक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

********************************************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो

18 सितम्बर 2021 दिन शनिवार से 19 सितम्बर 2021 दिन रविवार तक, यानी दो दिनों के लिए, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें। 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  8. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 9310

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

बहुत सुन्दर भावों को लिये चित्रानुकूल रचना। हार्दिक बधाई आदरणीया

नहीं ये डरेगी  नहीं ये रुकेगी।
लिया  फैसला है गगन तक उड़ेगी।।
स्वयं नाव खेते निकल अब पड़ी है।
नज़र दूर बस मंज़िलों  पर गड़ी है।।
_____
कभी आँकना बेटियों को नहीं कम।
गगन तक उठा वो चली देश परचम।।
न देवी न सीता  न दुर्गा बनाना ।
चलो साथ बस और कंधा मिलाना ।।
______
मौलिक व अप्रकाशित

मुहतरमा प्रतिभा पाण्डेय जी आदाब, प्रदत्त चित्र पर भुजंगप्रयात छंद का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।

'लिया  फैसला है गगन तक उड़ेगी'

इस पंक्ति में 'गगन तक' का वज़्न 11111 है जो नियम विरुद्ध है, देखियेगा ।

'स्वयं नाव खेते निकल अब पड़ी है।
नज़र दूर बस मंज़िलों  पर गड़ी है।।'
इस पद की पहली पंक्ति में 'निकल अब' का वज़्न 11111 है, 'नज़र' शब्द  वज़्न 111है जो नियम के विरुद्ध है ,देखियेगा ।

'कभी आँकना बेटियों को नहीं कम।
गगन तक उठा वो चली देश परचम।।
न देवी न सीता  न दुर्गा बनाना ।
चलो साथ बस और कंधा मिलाना'
इस छंद में 'नहीं कम' 1211,गगन तक' 11111, 'परचम' 1111, 'साथ बस' 2111 देखियेगा ।

आदरणीय समर साहब, आपकी टिप्पणी आपकी सटीक समझ की परिचायक है. 

सादर

मुहतरमा प्रतिभा पाण्डेय जी आदाब, प्रदत्त चित्र पर भुजंगप्रयात छंद का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें । आदरणीय समर कबीर जी की बातों का संज्ञान लीजियेगा। सादर।

आदरणीया प्रतिभा पांडे जी आपका प्रयास सराहनीय है। मेरी अल्प जानकारी के अनुसार

चूंकि वर्णिक छंद विधान में मात्रा सहित वर्णों की गिनती की जाती है तथा यह गजल की बहर के समान दिखते हुए भी भिन्न होती है, इसलिए यह रचना मात्रात्मक दृष्टि से उचित प्रतीत होते हुए भी प्रदत्त छंद से अलग कही जाएगी। 

आदरणीय श्री समर कबीर साहब ने अच्छा विश्लेषण किया है। आप उन पर ध्यान दीजिए। 

अन्य OBO सदस्यों की राय भी जरूरी है। 

सादर

बहुत सुंदर भाव हैं आदरणीया 

आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर, वाह ! प्रदत्त चित्र पर सुंदर प्रस्तुति आपकी. किन्तु मात्रिक और वार्णिक पर असावधानी हो गई है. पुनः प्रयास करना बेहतर होगा. सादर 

आ. प्रतिभा बहन सादर अभिवादन । पदत्त चित्र को शब्दों में उकेरने का प्रयास अच्छा किया है किन्तु शब्द चयन गजल के नियमों जैसा कर हल्का हो गया है । तनिक प्रयास से आप साध लेंगी । फिलहाल इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई ।

आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. 

किंतु, रचना में यगण विन्यास की आवश्यकता है, न कि यगणात्मक विन्यास की. आपने पंक्तियों का विन्यास अरूज के मुफाइलुन के लिहाज किया है. जबकि भुजंगप्रयात छंद शुद्ध यमाता की चार आवृतियों की दरकार करता है. 

जय-जय

सादर अभिवादन आदरणीय सौरभ पाण्डे जी

जल्दीबाजी का परिणाम है ये प्रस्तुति। आपकी मंगलवार तक की छूट की टिप्पणी बाद में देखी। 

जी. 

जय हो.. 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"दोहे******करता युद्ध विनाश है, सदा छीन सुख चैनजहाँ शांति नित प्रेम से, कटते हैं दिन-रैन।१।*तोपों…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"स्वागतम्"
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"अनुज बृजेश , आपका चुनाव अच्छा है , वैसे चुनने का अधिकार  तुम्हारा ही है , फिर भी आपके चुनाव से…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"एक अँधेरा लाख सितारे एक निराशा लाख सहारे....इंदीवर साहब का लिखा हुआ ये गीत मेरा पसंदीदा है...और…"
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"//मलाई हमेशा दूध से ऊपर एक अलग तह बन के रहती है// मगर.. मलाई अपने आप कभी दूध से अलग नहीं होती, जैसे…"
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय जज़्बातों से लबरेज़ अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। मतले पर अच्छी चर्चा हो रही…"
Thursday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 179 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Thursday
Nilesh Shevgaonkar commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"बिरह में किस को बताएं उदास हैं कितने किसे जगा के सुनाएं उदास हैं कितने सादर "
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"सादर नमन सर "
Thursday
Mayank Kumar Dwivedi updated their profile
Thursday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब.दूध और मलाई दिखने को साथ दीखते हैं लेकिन मलाई हमेशा दूध से ऊपर एक…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service