For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको,

सादर अभिवादन !

 

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह आयोजन लगातार क्रम में इस बार एक सौ तेरहवाँ आयोजन है.   

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  

19 सितम्बर 2020 दिन शनिवार से 20 सितम्बर 2020 दिन रविवार तक
 
इस बार के छंद हैं - 

हरिगीतिका छंद 

हम आयोजन के अंतरगत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं. 

चित्र अंतर्जाल के सौजन्य से 

हरिगीतिका छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक ...

जैसा कि विदित है, अन्यान्य छन्दों के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

********************************************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 19 सितम्बर 2020 दिन शनिवार से 20 सितम्बर 2020 दिन रविवार तक, यानी दो दिनों के लिए, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें। 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  8. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 3956

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीय अजय गुप्ता जी, प्रदत्त चित्र पर चारों छंद सुंदर रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. फिरभी तृतीय छंद के प्रथम और द्वितीय पद की गेयता बाधित हो रही है. उसी तरह प्रस्तुति की अंतिम पंक्ति में भी गेयता की समस्या है. इसके अतिरिक्त छंदों में अंतर्यती  का सही पालन नहीं हुआ है. सादर 

"दोहा छंद"

प्रमुदित बालाएं सभी, खेल रहीं फुटबॉल।
चेहरों पर ही है लिखा, सारा दिल का हाल।।

दन्त पंक्ति है खिल रही, चेहरों पर उत्साह।
जो भी देखें जन सभी, कह उठते हैं वाह।।

पिछड़ा इन्हें न मानिए, जिन्हें न अक्षर ज्ञान।
इनमें जो प्रतिभा भरी, हम उससे अनजान।।

खिले हुए आमोद से, मुखड़ों पर है कांति।
श्रमिक सभी ग्रामीण ये, मिटा रहीं हैं श्रांति।

मौलिक व अप्रकाशित

डॉ वन्दना मिश्रा,लखनऊ

चित्र के भावों को उकेरते सुन्दर दोहा छंद, हार्दिक बधाई आदरणीया डाॅ वन्दना मिश्रा जी।  मंच द्वारा हरिगीतिका छंद निर्धारित था चित्र पर लिखने के लिये।

आदरणीया प्रतिभा जी, बहुत आभार आपका, मुझे जैसा समझ में आया, उस हिसाब से दूसरे मात्रिक छंद जो गेय हों, वह भी लिख सकते हैं, आखिर की पंक्तियों से ऐसा अर्थ मुझे लगा था, हरिगीतिका छंद एक दो लिखे हैं, पर अभी मेरी पकड़ नहीं है उस पर,

उत्साहवर्धन हेतु पुनः आभार।

// दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.// यहाँ पर 'छंद आधारित'  से तात्पर्य प्रदत्त छंद आधारित ही है। आप दूसरी प्रस्तुती भी पोस्ट कर सकती हैं। ये सीखने का मंच है और हम सब छंदो के प्रयासी ही हैं।

ओबीओ के मंच पर आपका स्वागत है वंदना जी। कुछ संशय के कारण आप ने हरिगीतिका के स्थान पर दोहे लिख दिए हैं।

नियमों से इतर, आपकी रचना सराहनीय है तथा चित्र को परिभाषित भी कर रही है। साधूवाद

आ.वन्दना जी, सुन्दर छन्द हुए हैं । हार्दिक बधाई ।

प्रस्तुत आयोजन में आपका आगमन संभवतः आम तौर पर नहीं होता, अतः, आप द्वारा नियमों को लेकर भ्रम में आना अन्यथा नहीं है. किन्तु, आपका नियमित आगमन आपको नियम के प्रति आश्वस्त कर देगा. 

इस आयोजन में छंदों का निर्धारण हो जाता है. तदनुरूप ही रचनाकार रचनाओं में प्रदत्त चित्र को भाव देते हैं.

आपकी प्रस्तुत रचना इस आयोजन में सम्मिलित नहीं ंआनी जाएगी. 

शुभातिशुभ 

आदरणीया डॉ. वन्दना मिश्रा जी आपका "ओबीओ चित्र से काव्य तक छ्न्दोत्सव अंक-113" में स्वागत है. सादर. 

हरिगीतिका

मैं बैठ कर घर में थकी भाभी चलो खेले नया,
कुछ काम तो बाकी नहीं बैठी रही हो क्यूँ जया,
है तो नहीं कोई कहाँ छोडो फिकर आओ यहाँ,

मौसी चलो भाभी चलो कोई नहीं बाकी रहा||


वो खेलते हैं खेल कैसे ये नहीं मैं जानती,
ये आदमी का खेल है मैं तो नहीं यह मानती,
हा! ओरतें भी खेलती, मौसी हया को छोड दो,
बस हाथ से इस गेंद को छूना नहीं ये जान लो|

हा! लात मारो गेंद को पीछे सभी को दौडना,
मौसी अरे पकडो नहीं देखो पकड़ना हैं मना,
इस गेंद को तुम मार कर देखो मजा ही है मजा,
खेले चलो रे आज मौसी क्या कहेगा ये जहाँ|

मौका मिला है आज दिन भर खेलते है रे सखी,
वो काम बाकी ये बहाना मत बनाना रे सखी,
ना फूरसद  होती हमें जो रोज ऐसे खेलते,
ज्यादा नहीं बस शाम तक ये खेल मौसी खेलते|

*****   *****   *****   *****   *****

(मौलिक व अप्रकाशित)

मुकुल लींबड, गुजरात 

सरल शब्द और भावों के साथ चित्र को परिभाषित करती अच्छी रचना कही। साधूवाद

आदरणीय अजय गुप्ताजी,
रचना की प्रशंसा के लिए हृदय से धन्यवाद आभार आपका।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
10 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर  होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर ।उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
10 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service