For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दिन ढलते, शाम चढ़ते,
उसका डर बढ़ने लगता है,
क़िस्मत, दस्तक भी देगी और
भीनी यादें तूफान भी उठायेंगी ,
फिर भी होगा कुछ भी नया नहीं,
बस यह अहसास कराते हुए
कि वो किसी और पर मेहरबान है,
उसके पास से धीरे से सरक जाएगी
और चूम लेगी किसी और को।.............1

अटपटा दीवानापन सा,
महसूस तू करवाता है,
हर नए दिन,
हर नई शाम,
यकीन दिलाकर,
तू सिर्फ उसका है,
बाहों में किसी और की,
चला जाता है ।............ 2

ज़िन्दगी लिख रही,
हर पल इक नया फलसफा,
क्यों कर हो चले हो तुम,
इतने कमज़ोर-दिल से कि,
दर्द को सीने में बसा,
हर खुशी को कर देते हो फना।............ 3)

मौलिक व् अप्रकाशित।

Views: 410

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on November 28, 2019 at 8:05pm

आद0 usha जी सादर अभिवादन। बढ़िया पंक्तिया सृजित की आपने,, बधाई स्वीकार कीजिये।

Comment by Usha on November 26, 2019 at 8:41am

आदरणीय समर कबीर साहब, आदाब। आपकी सकारात्मक टिप्पणी से प्रोत्साहन मिला। आभार। सादर।

Comment by Samar kabeer on November 25, 2019 at 2:32pm

मुहतरमा ऊषा जी आदाब,अच्छा प्रयास है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Usha on November 20, 2019 at 8:14pm

आदरणीय विजय शंकर सर, सही कहा आपने। मेरा प्रयास रहेगा की इन क्षणिकाओं को कविता का रूप देने का प्रयास करुँ। बधाई पर आपका हृदय से आभार। सादर।

Comment by Dr. Vijai Shanker on November 19, 2019 at 10:08pm

आदरणीय सुश्री डॉo उषा जी , उलझनों में बिखरी इन पंक्तियों एक अच्छी कविता छिपी हुयी दिखाई देती है , सुन्दर , बधाई , सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
2 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
19 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
19 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
22 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
22 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
22 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service