For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ममता नहीं मरती ....( लघुकथा )

एक जोड़ा दो पहिया वाहन पर तेज़ गति से हाइवे पर गुजर रहा था ।स्त्री की गोद में एक नन्हा बालक था जो हवा के झोंकों से उनींदा हो रहा था ।पुरुष बार बार पीछे मुड़कर पत्नी से बात कर रहा था ।पत्नी ने टोका भी पर उसने अनसुना कर दिया ।अचानक वाहन का संतुलन बिगड़ गया , क्योंकि पीछे से आता हुआ एक ट्रक लगातार तेज हॉर्न देते हुए ' ओवर-टेक ' करने का प्रयास कर रहा था ।अनहोनी हो चुकी थी ।दंपत्ति सामने से आती बस से टकरा चुके थे ।स्थिति भाँप माँ ने दोनों हाथों से बच्चे को भींच लिया था ।गिरते हुए भी मस्तिष्क बच्चे को कोई आँच न आये इस दिशा में काम कर रहा था ।वह अपने प्रयास में सफल रही पर स्वयं लहूलुहान हो गई ।पास गिरा बालक दहशत से दहाड़े मार रोने लगा ।पर महिला को न अपनी अवस्था का होश था और न आस-पास जमा मूक दर्शकों का । माँ को उठता न देख बच्चे ने जोर-जोर से आँचल खींचना शुरू कर दिया ।बच्चे के नन्हे कोमल हाथों का स्पर्श पाते ही उसके शरीर में अचानक हलचल हुई । उसने अपना आँचल बच्चे के लिए खोल दिया और चेतना शून्य हो गई ।बच्चा अपना आहार पा चुप हो गया । स्त्री का शरीर मर चुका था पर माँ का मातृत्व अभी भी जीवित था ।
-----------------------------
मौलिक एवं अप्रकाशित ।
================

Views: 690

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by shashi bansal goyal on May 16, 2015 at 9:37am
आदरणीय सौरभ पाण्डेय बहुत बहुत आभार रचना को सराहने के लिए । सादर ।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 14, 2015 at 11:58pm

लघुकथा अपने उद्येश्य में सफल रही है आदरणीया शशिजी.
हार्दिक शुभकामनाएँ

 

Comment by vijay nikore on May 12, 2015 at 4:45pm

आपकी लघु कथा मन को छू गई। बधाई।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 12, 2015 at 3:31pm

आदरणीया शशि जी ..मन को भावुक कर देने वाली शानदार लघु कथा के लिए तहे दिल बधाई सादर 

Comment by shashi bansal goyal on May 12, 2015 at 12:03pm
हार्दिक आभार आo मिथिलेश वामनकर जी ।आपकी उत्साह वर्धक समीक्षा से सम्बल मिला और बहुत प्रसन्नता हुई ।
Comment by shashi bansal goyal on May 12, 2015 at 12:01pm
हार्दिक आभार आo जीतेन्द्र जी ।कृपया ऐसे ही उत्साह वर्धन करते रहिये ।सादर ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 12, 2015 at 4:11am

आपने आँखों को नम कर दिया आपने.

आपकी लघुकथा सफल हुई 

बहुत बहुत बधाई इस प्रस्तुति पर 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 12, 2015 at 12:40am

मर्मस्पर्शी रचना ,आदरणीया शशि जी . बधाई

Comment by shashi bansal goyal on May 11, 2015 at 11:48pm
हार्दिक आभार एवं धन्यवाद रचना को समय देने एवं प्रोत्साहित करने हेतु आदरणीय वीरेंद्र वीर मेहता जी ।
Comment by shashi bansal goyal on May 11, 2015 at 11:47pm
हार्दिक आभार एवं धन्यवाद रचना को समय देने एवं प्रोत्साहित करने हेतु आदरणीय गिरिराज भंडारी जी ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और मार्गदर्श के लिए आभार। तीसरे शेर पर…"
43 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"तरही की ग़ज़लें अभ्यास के लिये होती हैं और यह अभ्यास बरसों चलता है तब एक मुकम्मल शायर निकलता है।…"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"एक बात होती है शायर से उम्मीद, दूसरी होती है उसकी व्यस्तता और तीसरी होती है प्रस्तुति में हुई कोई…"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"ग़ज़ल अच्छी हुई। बाहर भी निकल दैर-ओ-हरम से कभी अपने भूखे को किसी रोटी खिलाने के लिए आ. दूसरी…"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"ग़ज़ल अच्छी निबाही है आपने। मेरे विचार:  भटके हैं सभी, राह दिखाने के लिए आ इन्सान को इन्सान…"
1 hour ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"221 1221 1221 122 1 मुझसे है अगर प्यार जताने के लिए आ।वादे जो किए तू ने निभाने के लिए…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,आपने ठीक ध्यान दिलाया. ख़ुद के लिए ही है. यह त्रुटी इसलिए हुई कि मैंने पहले…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय नीलेश जी, आपकी प्रस्तुति का आध्यात्मिक पहलू प्रशंसनीय है.  अलबत्ता, ’तू ख़ुद लिए…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय तिलकराज जी की विस्तृत विवेचना के बाद कहने को कुछ नहीं रह जाता. सो, प्रस्तुति के लिए हार्दिक…"
3 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"  ख़्वाहिश ये नहीं मुझको रिझाने के लिए आ   बीमार को तो देख के जाने के लिए आ   परदेस…"
3 hours ago
Sushil Sarna commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी बहुत सुंदर यथार्थवादी सृजन हुआ है । हार्दिक बधाई सर"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद आ. चेतन प्रकाश जी..ख़ुर्शीद (सूरज) ..उगता है अत: मेरा शब्द चयन सहीह है.भूखे को किसी ही…"
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service