For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नव वर्ष किरण फिर आशा की लेकर आया

उत्थान पतन के बीच साल फिर बीत गया,
बस आशा और निराशा के संग बीत गया।
कुछ दु:ख मिले कुछ आहत मन उल्लसित हुआ,
वह सुख मिले बस इंतजार में बीत गया। 
नव वर्ष किरण फिर आशा की लेकर आया,
जनगण मन के मन-मन में फिर उल्लास जगा। 
यह जगा रहे उल्लास पूर्ण हो अभिलाषा,
जनता की भाषा बने तंत्र की परिभाषा। 
अपराध न हो, हर नारी को सम्मान मिले, 
हर मुरझाए चेहरे को भी सनमान मिले।
मंहगाई, भ्रष्टाचार, दु:ख छू मंतर हो,
नव वर्ष हर्ष सुखदायक हो मत अंतर हो।

...........इन्ही कामनाओं के साथ सभी मित्रों-शुभचिंतकों को वर्ष २०१४ की हार्दिक मंगलकामनाएं। 

अतुल अवस्थी
-9838642000

"मौलिक व अप्रकाशित

Views: 468

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on January 3, 2014 at 4:31pm

आदरणीय अवस्थी सर सुन्दर भाव शानदार रचना बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by vandana on January 3, 2014 at 5:42am

बहुत सुन्दर भावों से सजी रचना आदरणीय अतुल जी 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on January 2, 2014 at 10:10pm

आदरणीय अतुल जी, नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ बधाई स्वीकारें


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 2, 2014 at 9:18pm

आदरनीय , सुन्दर आशाओं , अभिलाशाओं से सजी आपके रचना के लिये आपको बधाई ॥ नव वर्ष की आपको भी शुभ कामनायें ॥

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on January 2, 2014 at 11:34am

आदरणीय अतुल  भाई , नया वर्ष आपके व पूरे परिवार के लिए मंगलदायी  हो॥ सुंदर रचना की हार्दिक बधाई॥ .......सप्रेम राधे- राधे ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on January 2, 2014 at 9:52am

बहुत अच्छी प्रस्तुति नववर्ष आपके लिये मंगलमय हो इस शुभकामनाओं के साथ

Comment by coontee mukerji on January 2, 2014 at 1:08am

उत्थान पतन के बीच साल फिर बीत गया,
बस आशा और निराशा के संग बीत गया।
कुछ दु:ख मिले कुछ आहत मन उल्लसित हुआ,
वह सुख मिले बस इंतजार में बीत गया। 
नव वर्ष किरण फिर आशा की लेकर आया,
जनगण मन के मन-मन में फिर उल्लास जगा। ......बहुत सुंदर प्रस्तुति.
ष २०१४ की हार्दिक मंगलकामनाएं। .....सदर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय निलेश "नूर" जी, आप लाजवाब ग़ज़ल लिखते है। बधाई स्वीकार करें।"
1 minute ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है। बधाई स्वीकार करें।"
7 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय तमाम आज़ी जी, उम्दा ग़ज़ल है आपकी। बधाई स्वीकार करें। आदरणीय तिलकराज जी के सुझावों से ये और…"
11 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"ग़ज़ल — 221 1221 1221 122 है प्यार अगर मुझसे निभाने के लिए आकुछ और नहीं मुखड़ा दिखाने के लिए…"
17 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय धामी सर इस ज़र्रा नवाज़ी का"
34 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय रिचा जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
34 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय इंसान जी अच्छा सुझाव है आपका सहृदय शुक्रिया ग़ज़ल पर नज़र ए करम का"
35 minutes ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय जयहिंद  जयपुरी जी सादर नमस्कार जी।   ग़ज़ल के इस बेहतरीन प्रयास के लिए बधाई…"
2 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय नीलेश भाई जी सादर नमस्कार जी। वाह वाह बेहद शानदार मतला के साथ  शानदार ग़ज़ल के लिए दिली…"
2 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय लक्ष्मण जी सादर नमस्कार जी। क्या ही खूबसूरत मतला हुआ है। दिली दाद कुबूल कर जी।आगे के अशआर…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय Aazi जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय तिलक जी नमस्कार बहुत बहुत शुक्रिया आपका, आपने इतनी बारीकी से ग़ज़ल को देखा  आपकी इस्लाह…"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service