For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

धुँआँ उठा है नफ़रत का (नवगीत)

पास आ गया है बेहद

जब से चुनाव फिर संसद का

राजनीति की चिमनी जागी

धुँआँ उठा है नफ़रत का

आहिस्ता-आहिस्ता 

सारी हवा हो रही है जहरीली

काले-काले धब्बों ने 

ढँक ली है नभ की चादर नीली

वोटर बेचारा 

मोहरा भर है

पूँजी की हसरत का

धर्म-जाति का शीतल जल अब

धीरे-धीरे फिर गरमाया

बढ़ती रही अगन तो 

जल जायेगी मजलूमों की काया 

जनता को 

अनुमान नहीं है

आने वाली आफ़त का

भगवा हो या हरे रंग का

विष तो आख़िर विष होता है

नागनाथ या साँपनाथ का

मानव ही आमिष होता है

देश अखाड़ा 

घर-घर कुश्ती

देख तमाशा ताक़त का

-------------

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 216

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on August 14, 2023 at 9:25pm

विचारणीय ❤

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 8, 2023 at 4:38pm

आ. भाई धर्मेंद्र जी, सादर अभिवादन। अच्छा नवगीत हुआ है। हार्दिक बधाई।

आ. भाई सौरभ जी की बात से सहमत हूँ। 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 8, 2023 at 1:03pm

नवगीत के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ< आदरणीय धर्मेन्द्र जी. 

वोटर बेचारा 

मोहरा भर है

पूँजी की हसरत का  .. एक सार्थक हामी 


जनता को 

अनुमान नहीं है

आने वाली आफ़त का ...  जनता अनुमान से अधिक तार्किक ढंग से सोचती है, आदरणीय।

कुछ समय के उत्साह और कुछ समय की आश्वस्ति का अंतर जनता खूब समझती है। इस भाव-भूमि पर हुई रचना के लिए हार्दिक बधाई।

Comment by indravidyavachaspatitiwari on August 3, 2023 at 4:27pm
राजनीति को लेकर अच्छी कविता बनी है। शुभ कामना

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक स्वागत आपका और आपकी इस प्रेरक रचना का आदरणीय सुशील सरना जी। बहुत दिनों बाद आप गोष्ठी में…"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी। रचना पर कोई टिप्पणी नहीं की। मार्गदर्शन प्रदान कीजिएगा न।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"सीख ...... "पापा ! फिर क्या हुआ" ।  सुशील ने रात को सोने से पहले पापा  की…"
Saturday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आभार आदरणीय तेजवीर जी।"
Saturday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।बेहतर शीर्षक के बारे में मैं भी सोचता हूं। हां,पुर्जा लिखते हैं।"
Saturday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।"
Saturday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक आभार आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
Saturday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। चेताती हुई बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब। लगता है कि इस बार तात्कालिक…"
Saturday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
" लापरवाही ' आपने कैसी रिपोर्ट निकाली है?डॉक्टर बहुत नाराज हैं।'  ' क्या…"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। उम्दा विषय, कथानक व कथ्य पर उम्दा रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब। बस आरंभ…"
Friday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service