हार्दिक अभिन्दन केवलजी .यद्यपि मैं एक सुधी पाठक के रूप में ओबीओ पर आप मित्रों के साथ हूँ , आनंद आता है आप श्रद्धेयों की कविता जब पढता हूँ . रही मित्रता की बात तो दिनकर जी ने इसे अनमोल रत्न की संज्ञा दियी है .
मैं इंदिरा नगर का निवासी हूँ। अवश्य हम लोग एक दूसरे के साथ विचारों का आदान प्रदान करेंगे। किन्तु अपना BLOG POST करने के लिए आपको मेरी सहमति की आवश्यकता नहीं। प्रत्येक व्यक्ति को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। आप स्वयं भी बहुत अच्छा लिखते हैं।
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
केवल प्रसाद 'सत्यम''s Comments
Comment Wall (34 comments)
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online
आदरणीय केवल प्रसाद जी! आपको जन्मदिवस की बहुत बहुत शुभकामनाये!!
सादर गीतिका वेदिका
Dear Kewal Ji, I heartily extend my thanks to you for your appraisal and encouraging comments. Best wishes
आपका दिल से स्वागत है केवल जी ,आशा है आपसे कुछ नया सीखने को मिलेगा !
भाई केवल जी, आपका हार्दिक आभार !!!
आदरणीय इसी तरह आशीर्वाद बनाए रखें
केवलप्रसाद जी, स्नेहिल शब्दों में बधाई के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद...सादर
केवल भाई आपका हार्दिक आभार! यह आप सब लोगों के स्नेह का परिणाम है।
हाँ ज़रूर केवल जी तुलसी के बिना तो हनुमान जी का मन्दिर ही सूनी होती है.हमारे यहाँ इसका बहुत महत्व
है. एकबार फिर धन्यवाद.
मैं इंदिरा नगर का निवासी हूँ। अवश्य हम लोग एक दूसरे के साथ विचारों का आदान प्रदान करेंगे। किन्तु अपना BLOG POST करने के लिए आपको मेरी सहमति की आवश्यकता नहीं। प्रत्येक व्यक्ति को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। आप स्वयं भी बहुत अच्छा लिखते हैं।
शुभ इच्छाओं के साथ
नमस्कार
आपका स्वागत है केवल जी ,आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा धन्यवाद.
आये आपके घर खुशियों की डोली ,हमारी तरफ से आपको हैप्पी होली .
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey said…
भाई केवल प्रसाद जी, अपनी रचनाओं पर हुए कोमेंट का धन्यवाद ज्ञापन स्टेटस पर न किया करें. उस रचना पर ही करें. तो यह सनद बना रहता है.
सधन्यवाद.
टिप्पणी के लिये हार्दिक आभार.
कृपया सुधार सुझाएं आपका स्वागत है।
सादर
Welcome to
Open Books Online
Sign Up
or Sign In
कृपया ध्यान दे...
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
6-Download OBO Android App Here
हिन्दी टाइप
देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...
साधन - 1
साधन - 2
Latest Blogs
दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
दोहा पंचक. . . . .
दोहा दशम. . . . रोटी
ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
कैसे खैर मनाएँ
दोहा पंचक. . . . .प्रेम
यह धर्म युद्ध है
कुंडलिया .... गौरैया
बनो सब मीत होली में -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
काश कहीं ऐसा हो जाता
दोहा पंचक. . .
आँख मिचौली
ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( दस्तार ही जो सर पे सलामत नहीं रही )
दोहा पंचक. . . . .
ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( अदब की बज़्म का रुतबा गिरा नहीं सकता )
दोहा पंचक. . . . .नारी
ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( आप क्यूँ दूर दूर हैं हम से )
मेरे नाम की पाति
Latest Activity
दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि