For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आख़िरी आदमी (लघु-कथा) - डॉo विजय शंकर

भाषण अपने चरम पर था। विशाल जन - समूह पूरे मनोयोग से सुन रहा था।
उन्होंने कहा:

"भाइयों! पार्टी में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और उच्च पद रिक्त है, मैंने निर्णय लिया है कि यह पद हमारे साथियों में सबसे पीछे खड़े आख़िरी आदमी को दिया जाएगा " .
उनका वाक्य पूरा भी नहीं हुआ कि सब लोग पीछे की ओर भागने लगे। पूरा मैदान खाली हो गया, मंच खाली हो गया, वे मंच पर अकेले रह गए।
खबर आयी है , लोग एक और भागे जा रहे हैं , बस भागे जा रहे हैं।
.
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 847

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on August 22, 2016 at 7:07pm
आदरणीय विजय निकोर जी , रचना पर आपके आगमन एवं उसे स्वीकृति प्रदान करने के लिए आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by vijay nikore on August 22, 2016 at 4:04pm

बहुत ही खूबसूरत रचना के लिए बधाई, आदरणीय विजय शंकर जी।

Comment by Dr. Vijai Shanker on August 13, 2016 at 10:26pm
आदरणीय सुश्री नीता कसर जी , आख़िरी आदमी " कहानी के मूल तक पहुँच कर उसकी विवेचना के लिए ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on August 13, 2016 at 10:26pm
आदरणीय सतविंद्र कुमार जी , " आख़िरी आदमी " कहानी के मूल तक पहुँच कर उसकी विवेचना के लिए ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Nita Kasar on August 13, 2016 at 8:57pm
अवसरवादिता का आलम देखिये कि भेडचाल मची हुई है आख़िरी आदमी बनने की सारगर्भित कथा के लिये बधाई आद०विजयशंकर जी ।
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on August 13, 2016 at 1:13pm
हा हा हा जब पद की चमक और चाह हो तो नेता को कौन सुनें।आगे आने की शर्त ही जब पीछे जाना हो तो कोई आगे क्योंकर रहे।गम्भीर सन्देश को सम्प्रेषित करती उम्दा। रचना।हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ विजय शंकर जी।
Comment by Dr. Vijai Shanker on August 13, 2016 at 12:17pm
आदरणीय डॉo गोपाल नारायण जी , बहुत बहुत आभासर एवम धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on August 13, 2016 at 12:16pm
आदरणीय सुश्री राहिला जी , लघु-कथा पर आपकी उन्मुक्त प्रशस्ति के लिए ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on August 13, 2016 at 12:16pm
आदरणीय राजेन्द्र कुमार गौड़ जी , लघु-कथा पर आपकी सराहना के लिए ह्रदय से आभार और धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on August 13, 2016 at 12:11pm
आदरणीय वीरेंद्र वीर मेहता जी , लघु-कथा पर आपके विचारों और सराहना के लिए ह्रदय से आभार और धन्यवाद , प्रिय अनुज , सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Monday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service