For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कौन हो तुम — डॉo विजय शंकर

ओजस्वी तेजस्वी
से दिखाई देते हो ,
अपनी जयकार से
आत्म मुग्ध लगते हो।
आईने में खुद को
रोज ही देखते हो ,
क्या खुद को
कुछ पहचानते भी हो।
बड़े आदमी हो , बहुत बड़े ,
लोग तुम्हें जानते हैं ,
बच्चे सामान्य ज्ञान के लिए
तुम्हारा नाम रटते और जानते हैं ,
रोज कितने ही लोग तुम्हारी ड्योढ़ी
पर खड़े रहते हैं , टकटकी लगाए ,
कितने आदमी तुमसे रोज ही
मिलने के लिए आते रहते हैं ,
तुम भी कभी किसी से
आदमी की तरह मिलते हो ?

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 689

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on December 13, 2020 at 11:02am

आदरणीय ब्रजेश कुमार ब्रज जी , ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 12, 2020 at 9:27pm

अच्छी सटीक कविता है डॉ साहब...

Comment by Dr. Vijai Shanker on December 6, 2020 at 10:57am


आदरणीय अमीरुद्दीन अमीर जी , नमस्कार , रचना को स्वीकार करने और मान देने के लिए आपका ह्रदय से आभार। मुबारकबाद के लिए धन्यवाद , सादर।

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on December 5, 2020 at 11:46am

जनाब डॉ.विजय शंकर जी आदाब, शानदार नसीहत पेश की है दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ। सादर।

Comment by Dr. Vijai Shanker on December 5, 2020 at 9:54am

आदरणीय लक्षमण धामी मुसाफिर जी , रचना पर आपकी उपस्थिति एवं सार्थक टिप्पणी के लिए आभार एवं धन्यवाद , सादर।

Comment by Dr. Vijai Shanker on December 5, 2020 at 9:52am

आदरणीय समर कबीर साहब, नमस्कार , जी शुक्रिया , मैं सकुशल हूँ। आशा करता हूँ , आप भी स्वस्थ और सानंद होंगें। आपकी उपस्थिति सदैव उत्साह वर्धक होती है। रचना को स्वीकृति प्रदान करने लिए ह्रदय से आभार , बधाई के लिए धन्यवाद। सादर।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 4, 2020 at 8:48pm

आ. भाई विजय शंकर जी, सादर अभिवादन । बहुत अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई।

Comment by Samar kabeer on December 4, 2020 at 5:29pm

जनाब डॉ.विजय शंकर जी आदाब, उम्मीद है आप ख़ैरियत से होंगे ।

बहुत उम्द: रचना हुई है,बहुत दिनों बाद आपके ख़ास तेवर वाली रचना पढ़ने को मिली, हार्दिक बधाई स्वीकार करें इस बहतरीन प्रस्तुति पर ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
12 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
Monday
Shabla Arora updated their profile
Monday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service