For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

फ़िर वही राग (क्षणिकायें)

दीये बनते, बिकते, जलते हैं
पेट पालते हैं
दीपक तले अंधेरा
फ़िर वही रात, वही सबेरा!

दीये पालते हैं, दीये पलते हैं
विरासत पलती है
दीपक तले अंधेरा
फ़िर वही बात, वही बखेड़ा!

विरासत पालती है, विरासत पलती है
उद्योग पलते हैं; राजनीति पलती है
लोकतंत्र पलता है
दीपक तले अंधेरा
फ़िर वही धपली, वही राग!

स्वच्छता पालती है, स्वच्छता पलती है
नारे-पोस्टर पलते हैं, भाषण पलते हैं
दीपक तले अंधेरा
फ़िर वही चाल, वही ढाल!

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 574

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on November 1, 2019 at 1:25pm

आद0 शेख शहज़ाद उस्मानी साहब सादर अभिवादन। बढ़िया रचना दिए को आधार बना कर। इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार कीजिये।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 31, 2019 at 10:11pm

आदाब। मेरी ब्लॉग पोस्ट पर उपस्थित होकर अपनी राय से वाक़िफ़ कराने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय शरद सिंह 'विनोद' साहिब। कृपया अपनी बात विस्तार से कहियेगा।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 31, 2019 at 10:09pm

आदाब। मेरी इन रचनाओं पर समय देकर मुझे प्रोत्साहित करने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय समर कबीर साहिब।

Comment by Samar kabeer on October 28, 2019 at 3:57pm

जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,अच्छी क्षणिकाएँ लिखीं आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by SHARAD SINGH "VINOD" on October 27, 2019 at 9:44pm
क्या सिर्फ दीपक तले अँधेरा?
पूर्वाग्रह से कब आता है सबेरा....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम. . . . उल्फत

दोहा दशम - ..... उल्फतअश्कों से जब धो लिए, हमने दिल के दाग ।तारीकी में जल  उठे, बुझते हुए चिराग…See More
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - सपने
"उत्तम प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
Monday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक -वाणी
"वाह बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
Monday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी झूठ पर आधारित सुन्दर दोहावली का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई ।सर क्या दोहे में…"
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)-----------------------------देवलोक भी जोहता,चकवे की ज्यों बाट।संत सनातन संग…See More
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Feb 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Feb 6
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Feb 5

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service