For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

राज़ नवादवी: एक अंजान शायर का कलाम- ७९

२२१२ २२१२ २२१२ १२

जब से मैं अपने दिल का सूबेदार हो गया
सहरा भी मेरे डर से लालाज़ार हो गया //१

छोड़ा जो तूने साथ, ख़ुद मुख्तार हो गया
तू क्या, ज़माना मेरा ख़िदमतगार हो गया //२

आईन मेरा ग़ैर क्या बतलायेंगे मुझे
मैं ख़ुद ही अपना आइना बरदार हो गया //३

गर बेमज़ा है आशिक़ी मेरे हवाले से
तू क्यों फ़साने में मेरे किरदार हो गया //४

मजनूँ बना मैं इश्क़ में, आँसू की क्या बिसात
जोशे जुनूँ में चश्म से खूँबार हो गया //५

लुत्फ़े हुबाबे इश्क़ की हस्ती न थी दराज़ //६
पैदा हुआ वो जिस घड़ी मिस्मार हो गया

साया ख़ुद अपने यास का आया हमारे काम
तीरा-ए-ग़म में ज़ानू-ए-ग़मख़्वार हो गया //७

दिल मुहलते फ़िराक़ में सोज़ाँ था हर घड़ी
यूँ इश्क़ मेरा आतिशे फ़िन्नार हो गया //८

जब तक जहाँ था क़ल्ब में कुछ ना दिखा मुझे
देखा शिफ़र तो ख़ल्क़ का दीदार हो गया //९

उस माहरू का 'राज़' मैं कैसे करूँ इलाज
तीमारदारी में मैं ख़ुद बीमार हो गया //१०

~राज़ नवादवी

"मौलिक एवं अप्रकाशित"

सूबेदार- सूबे का शासक; लालाज़ार- लाल फूलों का खेत; आईन- नियम, क़ानून; आइना बरदार- आइना ढोने वाला; खूँबार- खून बरसाने वाला; मिस्मार- ध्वस्त; तीरा-ए-ग़म- ग़म का अन्धकार; लुत्फ़े हुबाबे इश्क़- प्रेम के बुलबुले का आनंद; जानू-ए-ग़मख़्वार- ग़म में सांत्वना देनेवाला का घुटना; फ़िन्नार- नरक, पर्गेटरी;

Views: 923

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by राज़ नवादवी on December 10, 2018 at 1:39pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आदाब. ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफज़ाई का तहेदिल से शुक्रिया. सादर. 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 10, 2018 at 7:02am

आ. भाई राजनवादवी जी, बेहतरीन गजल हुयी है । हार्दिक बधाई स्वीकारें ।

Comment by राज़ नवादवी on December 8, 2018 at 5:38pm

आपका स्वागत है जनाबे आली ! 

Comment by Samar kabeer on December 8, 2018 at 10:38am

जी,शुक्रिया ।

Comment by राज़ नवादवी on December 7, 2018 at 9:29pm

जी जनाब, दुःख हुआ था फ़ोन पे आपकी नासाज़ी की ख़बर जानकार. मालिक से एक बार फिर आपके सेहतमंद होने की दुआ करता हूँ. सादर. 

Comment by Samar kabeer on December 7, 2018 at 9:15pm

तबीअत ठीक नहीं थी भाई, वरना ओबीओ के बग़ैर मुझे चैन कहाँ ।

Comment by राज़ नवादवी on December 7, 2018 at 9:11pm

आदरणीय समर कबीर साहब, काफ़ी इंतज़ार के बाद ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफज़ाई से धन्य हुआ. सादर. 

Comment by Samar kabeer on December 7, 2018 at 8:48pm

जनाब राज़ साहिब आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।

Comment by क़मर जौनपुरी on December 7, 2018 at 2:36pm

बहुत ही सुंदर ग़ज़ल जनाब राज़ साहब। मुबारकबाद।

Comment by राज़ नवादवी on December 7, 2018 at 12:44pm

आदरणीय तेज वीर सिंह साहब, आदाब. ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफज़ाई का दिल से शुक्रिया. सादर. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
18 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
yesterday
Shabla Arora updated their profile
yesterday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रदत्त विषयानुसार मैंने युद्ध की अपेक्षा शान्ति को वरीयता दी है. युद्ध…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service