For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नाभी में लेकर कस्तूरी  तय करता मृग कितनी दूरी (गीत राज )

नाभी में लेकर कस्तूरी 
तय करता मृग कितनी दूरी 

पागल मनवा उलझा उलझा 
सहरा-सहरा जंगल-जंगल 
खोज रहा है नादानी में
बौराया सा हर पल प्रति पल 
नाभी में लेकर कस्तूरी 
तय करता मृग कितनी दूरी 

रब के दर्शन की चाहत में 
मंदिर मस्जि़द रस्ते रस्ते 
भान नहीं है उनको इतना 
राम रहीमा उर में बसते 
बाहर ढूंढें चंदन नूरी 
कैसे होगी चाहत पूरी 

खेतों में जब उगता सूरज 
मिलता सबसे वो हँस हँस कर 
उजली भोर संदेशा लाती 
माटी बैठे तब सज धज कर 
मांग भरें किरणें सिंदूरी 
दिन भर करती फ़िर मजदूरी 

सहरा में पानी है दिखता
बादल में रोटी दिखती है 
उसके माथे की रेखा में 
किस्मत भी क्या क्या लिखती है 
ख्वाब अधूरे प्यास अधूरी
देखो गुर्बत की मजबूरी

नाभी में लेकर कस्तूरी 
तय करता मृग कितनी दूरी 
राजेश कुमारी राज

Views: 1072

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 24, 2018 at 5:59pm

आद० तेजवीर सिंह जी आपको गीत पसंद आया बहुत बहुत आभारी हूँ 

Comment by Samar kabeer on September 24, 2018 at 12:12pm

बहना राजेश कुमारी जी आदाब,बहुत सुंदर गीत लिखा आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

मुझे ऐसा लग रहा है कि आपने ये गीत पहले भी ब्लॉग पर पोस्ट किया है?

एक ज़रूरी बात ये कि आपने  रचना के साथ मंच के नियमानुसार मौलिक व अप्रकाशित नहीं लिखा?

Comment by Ajay Kumar Sharma on September 24, 2018 at 6:53am

बहुत सुन्दर रचना.

बधाई स्वीकार करें

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 24, 2018 at 4:30am

आ. राजेश दी, सादर अभिवादन । सुंदर गीत हुआ है । हार्दिक बधाई ।

Comment by narendrasinh chauhan on September 22, 2018 at 2:04pm

बहोत सुन्दर रचना 

Comment by TEJ VEER SINGH on September 22, 2018 at 12:24pm

हार्दिक बधाई आदरणीय राजेश कुमारी जी।बेहतरीन गीत।

सहरा में पानी है दिखता
बादल में रोटी दिखती है 
उसके माथे की रेखा में 
किस्मत भी क्या क्या लिखती है 
ख्वाब अधूरे प्यास अधूरी
देखो गुर्बत की मजबूरी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service